‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद , 18 मार्च। जिला सतनामी समाज धमतरी की बैठक हुई, जिसमें शिक्षा और रोजगार पर बल देते हुए समाज में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की बात पर आम सहमति बनी।
सतनामी समाज के जिला अध्यक्ष भावसिंह डहरे ने कहा कि बच्चों के लिए स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना जरूरी है, जिसमें सभी समुदाय के बच्चे पढ़ सके । उन्होंने कहा कि समाज के संतों, गुरुओं और महापुरुषों को याद करने के लिए ‘सुरता कार्यक्रम’ निरंतर चलाना है, शादी में ‘बाट रोकने’ की प्रथा पूरी तरह खत्म किया जाए, ‘गांठ छोड़वनी’की परंपरा पर स्वेच्छा होनी चाहिए। सतनामी समाज में जैतखाम विवाह पर जागरूकता लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि रायपुर तेलीबांधा में हमारा एक पंजीकृत संस्थान है जहां पंजीयन कराने के बाद किसी भी जाति- धर्म के लोग शादी कर सकते हैं। जिला अध्यक्ष बताया कि सतनामी समाज में मृत्यु भोज पर पूरी तरह प्रतिबंध हैं, किसी भी प्रकार के कलेवा, पकवान वर्जित है। जिला सचिव खिलावन बारले ने कहा कि समाज को शिक्षा एवं रोजगार के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। कुछ लोग आज भी अंधविश्वास, पाखंडवाद और कुरीतियों में पड़े हैं, जिसके लिए समाज मे जागरूकता लाने की आवश्यकता है??। समाज में समता, समानता और भाईचारा की स्थापना के लिए परस्पर मेलजोल आवश्यक है।
बैठक में नगरी ब्लाक अध्यक्ष विष्णु टंडन, भखारा ब्लॉक अध्यक्ष तेजेश्वर कुर्रे, धमतरी शहर अध्यक्ष मीणा कुर्रे, ग्रामीण अध्यक्ष दिनेश्वर बंजारे, भखारा सचिव रूपेंद्र बघेल एवं छन्नू महिलांगे ने भी अपने विचार रखें। इस मौके पर रोहित कुर्रे, नालेश, गोपी कुर्रे, दुशन जोशी, दिनेश जांगड़े, अर्जुन सोनवानी, विनोद डिंडोलकर, दिनेश लहरे, जयंती जोशी, ढेलाबाई, सोहद्रा बाई, कुंदन टंडन, दुष्यंत ढ़ीढ़ी, रॉबिन बारले, संजय टंडन सहित सामाजिक बंधु उपस्थित थे।