‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 17 फरवरी। महानदी पर बने मेघा पुल के धंसकने के करीब सौ दिन बाद सेतु निगम ने यातायात का अस्थायी इंतजाम करते हुए डायवर्सन रोड का निर्माण किया है। जिससे इस मार्ग में हल्के वाहनों को नदी पार करने में आसानी हो रही है। निचले स्तर के चुनाव में क्षेत्रीय लोगों की नाराजगी से बचने सरकार ने आनन-फानन में रास्ता तैयार कराया है।
गौरतलब है कि कुरुद विधानसभा को दो भागों में विभाजित करने वाला महानदी पर बना तीस साल पुराना मेघा पुल 21 सितम्बर 2024 को धंसक गया था। रेत के अवैध उत्खनन में बरती गई प्रशासनिक अनदेखी की भेंट चढ़ अपनी आधी उम्र में ही बेकाम हो चुके इस पुल के टूटने से रोज हजारों लोगों को नदी पार करने के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी। इस पार से उस ओर जाने के लिए लोगों को 20-25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा था। पुल टूटने से दोनों ही ओर का व्यापार ठप पड़ गया।
कृषि मंडी तक किसानों की पहुंच नहीं होने से किसानों को अपनी उपज कम दामों पर बेचनी पड़ रही थी। कुरुद की लाईफ लाइन कट जाने से चावल उद्योग, किराना, कपड़ा, ईंधन जैसा व्यापार घट गया। जिसको लेकर मेघा, मगरलोड के व्यवसायियों ने आंदोलन भी किया।
इस तरफ के व्यापारियों ने भी नेता अधिकारियों को ज्ञापन सौंप समस्या सुलझाने गुहार लगाई, तब कहीं जाकर प्रशासन की आंख खुली। नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लोगों की नराजगी से बचने सरकार ने फौरी तौर पर इस मार्ग को हल्के वाहन जैसे ट्रैक्टर, जीप, कार, छोटे मेटाडोर, बाइक के आवागमन के लिए खोल दिया है।
सेतु निगम के एसडीओ इंद्राज सिंग ने बताया कि मेघा पुल के टूटे हिस्से के निचले भाग के क्षतिग्रस्त आप्रण को बोल्डर सीमेंट से मरम्मत कर अस्थायी एप्रोच रोड तैयार कराया जा रहा है। जन दबाव को देखते हुए हमने अभी हल्के वाहनों को आने जाने की इजाजत दी है। इसके लिए विभाग ने करीब 7 मीटर चौड़ा और 12-13 सौ मीटर लम्बा मिट्टी और मुरुम से सडक़ बनाया है।