एसपी से रूवातला के ग्रामीणों ने की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 जनवरी। रूवातला गांव के ग्रामीणों ने बुधवार को अवैध शराब बिक्री पर ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी से मुलाकात कर मोहारा पुलिस चौकी की भी शिकायत की है। ग्रामीणों का आरोप है कि खुले तौर पर शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। जिसके रोकथाम के लिए खानापूर्ति के तहत दो-तीन दिन के लिए ही शिकायत होने पर पुलिस रोक लगाती है, उसके बाद माफिया फिर से धडल्ले से अवैध शराब बेचने पर आमादा है।
ग्राम के ओमकार वर्मा ने बताया कि रूवातला गांव में लगभग सालभर से अवैध रूप से शराब बिक्री का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस प्रशासन को शिकायत की गई है। शिकायत के बाद पेट्रोलिंग के नाम पर खानापूर्ति की जाती है और बाद में अवैध शराब का कारोबार फिर जोरशोर से शुरू हो जाता है। गांव में अवैध शराब बिक्री होने से गांव के युवाओं और बच्चों में इसका विपरीत असर पड़ रहा है। जिला प्रशासन को आवेदन देकर गांव की महिलाओं को एकत्रित कर इस पर कड़ा संघर्ष किया जाएगा। अवैध शराब बिक्री मामले को लेकर मोहारा थाना में शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आवेदन देने पर पुलिस की दो-तीन दिन पेट्रोलिंग करती है तो शराब बिक्री बंद हो जाती है। दो दिन बाद फिर से अवैध शराब का कारोबार धडल्ले से शुरू हो जाता है। मोहारा थाना में शिकायत होने के बावजूद कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर एसपी कार्यालय में शिकायत करने पहुंचे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम रूवातला निवासी एक व्यक्ति द्वारा लगातार पिछले 11-12 माह से अवैध रूप से शराब का विक्रय किया जा रहा है। अवैध शराब बिक्री नहीं करने समझाईश के लिए ग्राम बैठक किया गया। समझाईश के दौरान ग्राम प्रमुख एवं ग्रामीणों को बैठक के बीच गाली-गलौज कर धमकी दिया कि पुलिस वालों को हर माह 15 से 20 हजार रुपए देता हूं, मेरा कोई कुछ नहीं करेगा। ऐसा कहने के बाद ग्रामीणों द्वारा बैठक में ही आवेदन बनाकर मोहारा थाना पहुंचा और आवेदन जमा किया गया।
थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि अवैध शराब बिक्री बंद हो जाएगा, लेकिन 2-3 दिन बाद फिर से अवैध शराब की बिक्री चालू कर दिया गया। इसके बाद गांव में सामाजिक बैठक में भी अवैध शराब बिक्री करने वाले को बुलाया समझाईश दी गई, बावजूद उसके द्वारा गलत शब्दों का प्रयोग किया गया।
इस अवसर पर रेवाराम वर्मा, कोमल वर्मा, टेश्वर राम, बसंत कुमार, राधेश्याम वर्मा, जगनूराम, रिखीराम, जंगलू, भुनेश्वर यादव, धनेन्द्र सिन्हा, जग्गू, नेतूराम, शंकर मंडावी, दौलतराम समेत अन्य ग्रामीणजन शामिल थे।