राइस मिलर्स की हड़ताल खत्म, अब बारदानों का संकट होगा दूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 दिसंबर। मिलरों के हड़ताल के रहने की वजह से पुराना बारदाना की सप्लाई पूरी तरह प्रभावित रही। शासन ने आनन-फानन में किसानों के बारदाना से धान खरीदी की। शासन के निर्णय के बाद जिले के किसानों का 11 लाख 63 हजार से अधिक बारादाना धान खरीदी में खप चुका है। मिलर्स की हड़ताल से करोड़ों का बारदाना देकर धान बेचने वाले किसान अब दिए गए बारदानों की दर प्राप्त करने के लिए चितिंत नजर आ रहे हैं।
हडताल समाप्त होने के बाद शनिवार से कई धान खरीदी केंद्रों में उठाव होना प्रारंभ हो गया है, जिससे बफर स्टॉक की वजह से भंडारण की समस्या का सामना कर रहे केंद्र प्रभारियों को राहत मिली है।
जानकारी हो कि शासन द्वारा धान खरीदी नीति के तहत पुराना व नया बारदाना 50-50 अनुपात में खरीदी की जानी है पर धान खरीदी प्रारंभ होने के बाद से बीते शुक्रवार तक मिलरों की हड़ताल की वजह से बारदाना का संकट रहा। बीते 21 नवंबर से किसानों से बारदाना लेकर धान खरीदी जारी रखा गई। जिले में उक्त तारीख से लेकर 29 नवंबर तक 124 धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने वाले किसानों से 11 लाख 63 हजार 914 नग बारदाना लिया गया।
किसान मोहन यादव ने बताया कि सरकारी तौर पर एक बारदाना के लिए केवल 25 रुपया दिया जाना तय किया गया। जब लगभग सभी किसानों ने बाजार से 27-30 रुपए की दर से बारदाना की खरीदी की। सोमवार से मिलरों के बारदाने से खरीदी की जाएगी। ऐसे में किसानों द्वारा खपाए गए बारदानों की एवज में दी जाने वाली रकम का भुगतान करने की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, जिससे किसान चितिंत हैं।
मिलर्स से 6 लाख 49 बारदाना की सप्लाई
जिले में 18 लाख 58 हजार 916 क्विंटल धान 129 धान खरीदी केंद्रों में खरीदी गई, जिसके लिए 58 लाख 99 हजार नग नया बारदाना, 6 लाख 49 हजार 722 नग मिलर व पीडीएस, 9 लाख 63 हजार 89 नग पीडीएस बारदाना एवं 11 लाख 63 हजार 914 नग बारदाना किसानों से लिया गया है। हड़ताल समाप्त होने के बाद से मिलरों से बारदानों की आवक प्रारंभ हो गई है। धान खरीदी के दौरान किसानों से लिए गए पूरे बारदानों का उपयोग किया जा चुका है।
अब जूट का बोरा बेचने वालों के सामने बेचने की समस्या
मिलरों की हड़ताल समाप्त होने के बाद पुराना बारदाना का मांग पूर्व की अपेक्षा 40 फीसदी कम हो गई है। दो दिन पूर्व शहर के चौक-चौराहों में 30 से अधिक अस्थायी तौर पर बारदाना बेचने के लिए दुकानें लगी थीं पर आज बमुश्किल 6-7 दुकान ही सडक़ किनारे दिखाई दीं। बेचने वाले परशुराम ने बताया कि वो मांग को देखते हुए थोक में बारदाना खरीद चुके हैं। अब किसान उनके पास लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। ऐसे में खरीदे गए बारदाना को बेचने की समस्या है। किसान लक्ष्मण ध्रुव ने बताया कि वो धान बेचने के लिए 5 हजार का बारदाना खरीद कर रखे हुए हैं पर अब उसका उपयोग समझ नहीं आ रहा है।
धान का उठाव प्रारंभ, 13,700 क्विंटल का उठाव
धान खरीदी करने के बाद केंद्रों में रखे हुए धान की खेप का 14 दिन तक परिवहन शुरु नहीं किया गया था, जिसकी वजह से उपार्जन केन्द्र झाल, पेंड्रीतराई, कटई, नवागढ़, झाल, रनबोड़, सल्धा, मल्दा, कंतेली, मुरता, कंतेली, मुंरता, सोढ़, बेलतरा, पुटपुरा, भैसा, मउ, बोरतरा, दाढ़ी, चंदनु, उमरिया, सेमरिया, नवागढ़, कुरदा, दर्री, पदुमसरा, बदनारा, डंगनिया, नांदघाट, भरदा, नवागांवकला, कुसमी, मजगांव, खाती, हाटाडाडू, सैगाना, व हटरांका में क्षमता के विपरीत 100 फीसदी से लेकर 200 फीसदी का भंडारण हो चुका है। शनिवार को जिले के कुरदा, उमरिया, जांता, कठिया, कंतेली, कन्हेरा, खाती, चंदनु, बिटकुली, दोनों झाल, दाढ़ी, पेंड्रीतराई, प्रतापपुर, बीजाभाट, बोरतरा, भरदा, मउ, मोहतरा व रनबोड में 13700 क्विंटल धान का परिवहन किया गया।
10 लाख 31 हजार 939 टन धान की आवक होने की उम्मीद
जिले में जारी धान खरीदी के दौरान 10 लाख 31 हजार 939 टन धान की खरीदी होने का अनुमान है, जिसका उठाव जिले के मिलरों के द्वारा 45 हजार टन व जिला के बाहर के मिलर 20 हजार टन होने का अनुमान है। इसके आलवा 50 हजार टन बेमेतरा संग्रहण केंद्र में किया जाएगा। इसके अलावा 3 लाख 31 हजार 939 टन धान का संग्रहण दुर्ग व रायपुर जिले के संग्रहण केंद्रो में किया जाएगा।
पुराने बारदानों की आपूर्ति प्रारंभ
जिला नोडल अधिकारी आरके वारे ने बताया कि मिलरों की हड़ताल समाप्त हो गई है, जिसके बाद जिले में पुराने बारदाना की आपूर्ति प्रारंभ हो गई है। बफर स्टॉक वाले केंद्रों में परिवहन प्रारंभ हो गया है।