बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 नवंबर। ब्लॉक पलारी में मुडिय़ाडीह पहंदा एनीकट का पानी अज्ञात लोगों ने रात में एनीकट के पांच गेटों को खोलकर बहा दिया। करीब 600 मीटर चौड़े इस एनीकट में एक किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक करीब 10 फीट गहरा पानी था। हालांकि एनीकट की लंबाई 8 किलोमीटर है, जिसमें काफी दूर तक जल स्तर अच्छा था। पानी बहने के बाद यह 8 फीट ही रह गया है। इस हरकत के पीछे रेत माफिया का हाथ बताया जा रहा है। एनीकट के पास से ही रेत घाट है।
एनीकट में पानी होने से उन्हें रेत निकालने में परेशानी हो रही थी। यह घटना 24 नवंबर की रात की है। ग्रामीणों ने को इसका पता 25 नवंबर को सुबह चला। ग्रामीणों की सूचना पर जल संसाधन विभाग ने खोले गए गेटों को बंद करवा दिया है।
इस एनीकट में पानी होने से अंडरग्राउंड वॉटर लेवल अच्छा रहता है। निस्तारी में भी दिक्कत नहीं होती। अब इस साल गर्मी में निस्तारी को लेकर दिक्कत हो सकती है। अंडरग्राउंड वॉटर लेवल भी घट सकता है। वहीं यहां रेत घाट की स्वीकृति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में रेत घाट की स्वीकृति के कारण रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं।
लोगों की माने तो रेत खनन से एनीकट की संरचना को भी भारी नुकसान होगा। जल संसाधन विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। दोषी लोगों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
रेत खनन की स्वीकृति देने वाले अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि है एनीकट का पानी क्षेत्र की खेती और भूजल का अहम हिस्सा है। अगर यहां रेत खनन होता है तो एनीकट को नुकसान होगा, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान होगा।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि एनीकट से लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो गया। एनीकट भरे रहने से आसपास का भूजल स्तर ठीक रहता है। आसपास के गांव में किसानों को फसल के लिए पानी की किल्लत नहीं होती। मगर ऐसा ही हर रहा तो भविष्य में जल संकट हो जाएगा।
जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीण नाम न उजागर करने के आग्रह के साथ इस हरकत के लिए रेत माफिया को ही दोषी मान रहे हैं। उन्होंने दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विभाग ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। विभाग भी हैरान है कि दोषी लोगों ने यह हरकत करने की हिम्मत कैसे की। पहली बार इलाके में ऐसा घटना हुई है।
खदान मंजूरी समझ से परे
इस संबंध में जल संसाधन विभाग कसडोल के एके पांडे का कहना है कि खनिज विभाग को जानकारी है कि उनका एनीकट है, उसके बाद भी वहां पर एक घाट स्वीकृत करना समझ के परे है। उन्होंने कहा कि सुबह जैसे पता चला, गेट बंद कर दिए हैं। गेट खोलने वालों का पता लगाया जा रहा है ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। एनीकट की निगरानी लगातार की जा रही है। रात के अंधेरे में जानबूझकर की गई बदमाशी है। भविष्य में इस पर ध्यान दिया जाएगा। ताकि कोई दोबारा ऐसी हरकत न कर सके।
खदानों को रद्द करने की मांग
इस एनीकट का निर्माण करीब 30 करोड़ रुपए से में किया गया है। आमतौर पर एनीकट के पास रेत घाट की स्वीकृति नहीं दी जाती है, लेकिन यहां दे दी गई है। स्वीकृति नहीं देने के पीछे करण रेत माफियाओं द्वारा खनन की गाइडलाइन का पालन नहीं करना है। वे जहां आसान होता है, वहीं खुदाई करते हैं। इससे एनीकट का अस्तित्व ही संकट में आ सकता है। क्योंकि आर्थिक खुदाई से जलस्तर काफी नीचे चले जाने से अन्य एनीकट में पानी एकत्र होना मुश्किल हो जाएगा। लोग एनीकट के ऊपर स्वीकृत पहंदा रेत घाट और खैरा दतान रेत घाट की स्वीकृतियां निरस्त करने की मांग भी कर रहे हैं।