जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 27 नवंबर। जशपुर जिले के कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला सामने आया है। मंच के सामने स्थित बरगद के पेड़ की डगाल काटे जाने से स्थानीय यदुवंशी समाज में काफी नाराज हो गए। मामला बीते मंगलवार की है। जब बरगद पेड़ की डंगाल काटने वाले व्यक्ति दिगंबर राम को गोकुला समिति के सदस्यों ने बंधक बना लिया और वन विभाग के रेंजर सुरेंद्र होता को मौके पर बुलाने की मांग की।
दरअसल वन विभाग ने 30 नवंबर को लोधमा में प्रस्तावित नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच तैयारी के लिए एक पेड़ की डाल काटने का निर्देश दिया गया था, लेकिन रेंजर सुरेंद्र होता के कर्मचारी ने गलती से कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल के बरगद के पेड़ की तीन डगाल काट दी। रेंजर ने फोन पर सफाई देते हुए कहा कि यह गलती से ऐसा हुआ है। क्योंकि टीम को लोधमा भेजने के बजाय कंडोरा भेज दिया गया। पेड़ काटने पहुंचे व्यक्ति को दोपहर ढाई बजे से शाम छह बजे तक ग्रामीणों ने बंधक बनाकर रखा था। जानकारी के अनुसार लगभग शाम छह बजे कुनकुरी पुलिस व तहसीलदार मौके के लिए रवाना हुए। वहां पहुंचकर समाज के लोगों से बात कर मामला शांत कराया गया है। और बंधक को उनके कब्जे से मुक्त कराया।
समिति की कड़ी आपत्ति
बरगद के पेड़ को धार्मिक प्रतीक मानने वाले यदुवंशी समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। गोकुला समिति के अध्यक्ष रवि यादव और सदस्यों हेमानंद यादव, गजानन यादव, निराकार यादव, और तेजराज यादव ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने रेंजर सुरेंद्र होता और उनकी टीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर सवाल
यह घटना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है। बरगद का वृक्ष यदुवंशी समाज के लिए आस्था का केंद्र है। इसे काटे जाने से न केवल स्थानीय समाज बल्कि पूरे क्षेत्र में नाराजगी है।