बलौदा बाजार

नाले में बहाया जा रहा नगर की गंदी नालियों का पानी
26-Nov-2024 8:00 PM
नाले में बहाया जा रहा नगर की गंदी नालियों का पानी

परसाभदेर के ग्रामीणों ने पालिका से एसटीपी बनाने की मांग की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 26 नवंबर। नगर के विभिन्न वार्डों के घरों व संसाधनों से निकलने वाली नाली की गंदगी व गंदा पानी नगर पालिका द्वारा लापरवाही बढ़ाते हुए लवल मार्ग स्थित खोरसी नाल में ग्राम परसाभदेर के समीप उड़ेला जा रहा है। जिसके चलते परसाभदेर (च) के समीप स्थित ग्राम अचानकपुर के ग्रामीण नाले के पानी का उपयोग निस्तारी हेतु नहीं कर पा रहे हैं। नाली के गंदे पानी की वजह से खोरसी नाल में एकत्र पानी भी अत्यंत दुर्गंध युक्त हो गया है। मजबूरी में इसका उपयोग निस्तारी करने वाले लोगों को वर्तमान में त्वचा संबंधित रोगों से जूझना पड़ रहा है।

 ग्रामीणों ने नगर की इस बड़ी नाली से निकलने वाले गंदगी व गंदे पानी की सफाई हेतु नाली के मुहाने पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने की मांग जिला व पालिका प्रशासन से की है। यही स्थित ग्राम भरसेला पहुंच मार्ग पर भी है यहां पालिका द्वारा पूरे नगर की गंदगी यहां बनाये गए डंपिंग यार्ड में उड़ेला जाता है, परंतु कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं पहुंचने के चलते पूरा कचरा सडक़ के दोनों और बिखरा रहता है। वहीं कचरे की दुर्गंध की वजह से इस मार्ग से होकर आने जाने वाले चार-पांच गांव के लोगों को भी अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

गौरतलब है कि खोरसी नाला एक बरसाती नाला है, इस नाले पर ग्राम मगरचबा ग्राम भरसेला ग्राम अचानकपुर के समीप छोटे स्टॉप डेम का निर्माण नाले के पानी को वर्षभर संग्रहण करने के लिए कराया गया है। जिसमें ग्राम भरसेला के ही किनारे नगर की बड़ी नाली का गंदा पानी खोरसी नाल में पिछले तीन-चार वर्षों से उड़ेला जा रहा है। इस गंदे पानी की वजह से परसाभदेर के समीप निर्मित छोटे डैम का पानी पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है।

 इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि ग्राम भरसेला की आबादी करीब 8 से 900 तक है ग्राम में एक भी निस्तारी तालाब नहीं है जिसके चलते अधिकांश ग्रामीण निस्तार के कार्य हेतु खोरसी नाल में निर्मित स्टाफ डेम पर ही आश्रित हैं। डेम में संग्रहित पानी में इतनी तीव्र दुर्गंध है कि ग्रामीण यहां निस्तारी करने से कतरने लगे हैं और उन्हें निस्तारी हेतु एक दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव के तालाब तक जाना पड़ रहा है। इसके ठीक आगे ग्राम आचानकपुर में भी खोरसी नाला का स्टाफ डेम का निर्माण किया गया है। पालिका की लापरवाही की वजह से अचानकपुर के डेम में संग्रहित पानी भी प्रदूषित होता जा रहा है। पालिका के इस लापरवाही के चलते ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है।

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पालिका की अधिकारियों से नाली के मुहाने वाले स्थान पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना की मांग की जा रही है, परंतु आज तक इस दिशा में पालिका द्वारा कोई पहल नहीं की गई है।

परसाभदेर के अलावा पालिका के इसी लापरवाही से ग्राम सोनपुरी परसाभदेर के ग्रामीण भी परेशान हैं। नगर पालिका ने भरसेला के समीप पुराने व बड़े मुरूम खदान को कचरा डंपिंग यार्ड बनाया गया है। इस यार्ड में पूरे नगर से निकली गंदगी पॉलिथीन आदि उडेला जाता है। वही ग्रामों के कुछ झोलाछाप चिकित्सकों समेत शहर के कुछ नर्सिंग होम के द्वारा इस यार्ड में मेडिकल वेस्ट भी फेंक दिया जाता है। अक्सर तेज हवा चलने के कारण डंपिंग यार्ड में फेंकी गई गंदगी उडक़र सडक़ पर बिखर जाती है। इस मार्ग का उपयोग ग्रामीण भरसेला, गैतरा, सलोनी, भाटागांव, शुक्ला भाठा आवागमन हेतु करते हैं।

नाक ढककर रास्ते से गुजरना पड़ता है

सडक़ पर बिखरी गंदगी व दुर्गंध की वजह से ग्रामीणों को मुंह और नाक ढककर रास्ते से गुजरना पड़ता है। यार्ड के किनारे पर ही स्वच्छ भारत मिशन शहर के तहत हजारों  रुपये की लागत से निर्मित कंपोस्ट सेंटर व ग्राम पंचायत भरसेला द्वारा निर्मित कचरा पृथक्करण केंद्र देख रेख के अभाव में जर्जर हो चुका है। कंपोस्ट सेंटर में कंपोस्ट निर्माण हेतु बनाई गई टंकियां कचरे के ढेर से अटी पड़ी है।

 परेशान ग्रामीणों ने नगर पालिका प्रशासन से कचरा डंपिंग यार्ड एवं मार्ग के दोनों ओर बिखरी गंदगी व कचरे की सफाई के अलावा कचरे के सुव्यवस्थित प्रबंधन की मांग की है।


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