बलौदा बाजार

तय मानक से ज्यादा ध्वनि से रात में बज रहे डीजे, अफसर मौन
24-Nov-2024 2:39 PM
तय मानक से ज्यादा ध्वनि से रात में बज रहे डीजे, अफसर मौन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 नवंबर।
जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में डीजे व अधिक ध्वनि वाले साउंड बक्से का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट आदेश के बावजूद अफसर ध्यान नहीं दे रहे।

शहर में सभी शासकीय विभागों की मौजूदगी के बावजूद यहां पर सर्वोच्च न्यायालय के वाहनों में डीजे व साउंड बॉक्स लगाने पर कड़ी कार्रवाई करने वाले आदेश व निर्देश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। 

विडंबना यह भी है कि एक ओर जहां मीडिया में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर न्यायालय अथवा स्थानीय प्रशासन द्वारा स्वयं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के मामले आम जनता के सामने आते हैं, वहीं दूसरी ओर नगर में निर्देश व नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले की शिकायत मिलने के बावजूद संबंधित विभाग की जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शनक बने हैं। जिसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। 

ध्वनि प्रदूषण के संबंध में पर्यावरण के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा एक मानक निर्धारित कर उससे ज्यादा तेज आवाज को ध्वनि प्रदूषण बताया गया है। वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अहम फैसले में कहा गया है कि हर व्यक्ति को शांति में रहने का अधिकार है। यह जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा है। लाउडस्पीकर में तेज आवाज अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार में आता है। लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी जीवन के अधिकार के ऊपर नहीं हो सकती है। 

तय है ध्वनि का मानक स्तर
सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर के लिए पुलिस व स्थानी सक्षम अधिकारी से इजाजत लेना अनिवार्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित मानक के अनुसार रात्रि में निद्रा अवस्था के वक्त 35 डेसिबल दिन के वक्त 45 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि नहीं होनी चाहिए। 65 डेसिबल से अधिक ध्वनि आवाज ध्वनि प्रदूषण है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में दिए गए फैसले के अनुसार शासकीय कार्यालय सरकारी व निजी चिकित्सालय स्कूल व महाविद्यालय के 100 मीटर की परिधि में लाउडस्पीकर व साउंड सिस्टम का उपयोग प्रतिबंधित होने के साथ 75 डेसिबल से तेज आवाज ध्वनि प्रदूषण है। प्रदेश में उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार के माल वाहक अथवा निजी वाहनों में डीजे व साउंड बॉक्स रखकर बजने को प्रतिबंधित कर नियम का उल्लंघन करने पर वहां व साउंड सिस्टम को जप्त करने का निर्देश दिया गया है।

नगर में ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं 
सार्वजनिक धार्मिक व वैवाहिक सहित राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान नगर में कानून व्यवस्था के लिए तैनात अधिकारियों की मौजूदगी में ध्वनि प्रदूषण संबंधित नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई पडऩे के बावजूद इसे रोकने का प्रयास दिखाई नहीं देता है। अनेक अवसरों पर कतिपय लोगों की शिकायत मिलने के बावजूद जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई करने का सिर्फ आश्वासन मिलने की बात नगर वासियों द्वारा बताई गई है। 


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