बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 21 नवंबर। छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह के गांव सोनाखान में आदिवासी समाज का एक परिवार न्याय के लिए भटक रहा है। यहां की पुलिस एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जांच नहीं कर पाई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 अक्टूबर को केंवरा बाई (60 वर्ष) की मौत विद्युत करंट में चिपक जाने से हो गई थी। पीडि़त व्यक्ति को संदेह है कि संदेही व्यक्ति द्वारा जल्दीबाजी करते हुए शव को जलवा दी गई । साथ ही साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से हड्डी और राख को पास के नाले में प्रवाहित कर दी गई।
जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई हेतु मृतका केवरा बाई के भाई राजकुमार पैकरा ने पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल और कलेक्टर दीपक सोनी से भेंटकर आवेदन दिया है। जिस पर कार्रवाई करने पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल द्वारा तत्काल एसडीओपी कौशल किशोर वासनिक को आदेशित किया है।
इधर, पीडि़त परिवार वालों ने अब जांच नहीं करने पर पुलिस की कार्यशैली पर असंतोष जताया है। मृतक महिला केंवरा बाई के भाई राजकुमार पैकरा ने बताया कि उनकी बहन ने अपने नातिन लक्ष्मी पैकरा के साथ घर में सोई हुई थी, तभी रात्रि में उसके घर के दरवाजा को पिछले कई दिनों से खटखटाता था। घटना की रात भी खटखटाया गया जिससे डर कर वह अपनी नातिन के साथ पिछले दरवाजे से जा रही थी, तभी घर के पीछे एक व्यक्ति के घर अवैध रूप से लगाए गए विद्युत करंट से चिपक गई, जिससे तत्काल उसकी मौत हो गई।
उन्होंने आरोप लगाते बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा उसे मारने जानबूझ कर करंट लगाया गया था और मौत हो जाने पर जल्दीबाजी करते हुए जला दिया गया तथा साक्ष्य छिपाने हड्डी और राख को नाले में बहा दिया गया। जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक और जिलाधीश से की गई है।
इस संबंध में सोनाखान चौकी प्रभारी तिलक सिंह ठाकुर से संपर्क करने पर कहा कि इसकी जांच की जा रही है। इस संबंध में एसडीओपी के के वासनिक से संपर्क करने पर कहा कि इसकी जांच की जा रही है, एक-दो दिन में जांच पूरी हो जाएगी।