बलौदा बाजार

नपं अध्यक्ष की शराब पीने की पुष्टि के बाद निलंबन रद्द
12-Nov-2024 8:56 PM
नपं अध्यक्ष की शराब पीने की पुष्टि के बाद निलंबन रद्द

शराब पार्टी विवाद में तीन पुलिसकर्मी को किया था निलंबित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 12 नवंबर। बलौदाबाजार जिले में शराब पार्टी से जुड़ा एक विवाद इस वक्त सुर्खियों में है। इस मामले में पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन बाद में, जब पुलिसकर्मियों की जांच रिपोर्ट में कोई दोष नहीं मिला, तो यह निलंबन रद्द कर दिया गया।

थाने के सामने शराब पार्टी का विवाद

पलारी थाना परिसर के बाहर कुछ लोगों द्वारा खुलेआम शराब पीने की सूचना मिली, जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा सहित कुछ स्थानीय लोग शामिल थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जब लोगों को शराब पीने से रोका तो वहां मौजूद भाजपा नेता वर्मा और उनके समर्थकों ने पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की। पुलिस की कार्रवाई के जवाब में वरिष्ठ भाजपा नेता ने कथित तौर पर डिप्टी सीएम को फोन कर तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

दबाव में लिया गया निलंबन का निर्णय

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता के हस्तक्षेप के कारण थाना प्रभारी (टीआई) और दो अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। इस फैसले ने प्रशासन और राजनीतिक दखल के मुद्दे को भडक़ा दिया। पुलिसकर्मियों के निलंबन के पीछे बीजेपी नेता के कथित तौर पर दबाव होने की बात सामने आई।

मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा, नपं अध्यक्ष ने शराब पी रखी थी

घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा की मेडिकल जांच कराई। रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि वर्मा ने शराब का सेवन किया था। इसके बाद विवाद और बढ़ गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि वर्मा के शराब सेवन की पुष्टि होने के बावजूद भाजपा नेता ने अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करवाई, जबकि दोष उनके नेता पर ही सिद्ध हुआ।

निलंबन का निर्णय रद्द

तीनों निलंबित पुलिसकर्मियों की जांच में किसी प्रकार का दोष साबित नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने निलंबन का निर्णय वापस ले लिया। जांच अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का पालन किया था, लेकिन उन पर निहित राजनीतिक दबाव के कारण कार्रवाई की गई।

बीजेपी नेता का पक्ष

इस मामले पर जब मीडिया ने उक्त भाजपा नेता से सवाल किया, तो उन्होंने कहा, यशवर्धन वर्मा हमारे नगर पंचायत पलारी के अध्यक्ष हैं। उनका परिवार प्रतिष्ठित है। पुलिसवालों ने उनसे जबरदस्ती मारपीट की, इसलिए हमें हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो फैला, बीजेपी नेताओं की धमकी

इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो गया, जिसमें बीजेपी नेताओं को थाने के अंदर पुलिसकर्मियों को धमकी देते देखा गया। वीडियो में यह भी सुना गया कि एक भाजपा नेता ने कहा, मेरे जैसा गुंडा कोई नहीं, तुम लोग क्या कर सकते हो? इस वीडियो ने पूरे मामले में नया मोड़ ला दिया है, क्योंकि इसने भाजपा नेताओं के व्यवहार और सत्ता के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलचल

पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रभाव का गलत उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, यह सत्ता का दुरुपयोग है, और यह पुलिस की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न करता है।

भाजपा के भीतर फूट, बीजेपी के

अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद बीजेपी के भीतर भी मतभेद उभर कर सामने आए हैं। कुछ नेताओं ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा का कि इस प्रकार के दबाव से पार्टी की छवि खराब होती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम जनता के सेवक हैं, न कि सत्ता के मालिक। इस प्रकार की घटनाएं जनता का विश्वास हमसे दूर करती हैं।

सत्ता का दुरुपयोग बंद हो-कांग्रेस

इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह घटना स्पष्ट रूप से सत्ता के दुरुपयोग का मामला है और इसमें दोषी पाए गए लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस तरह की घटनाएं हमारे समाज के लिए खतरनाक हैं और ये लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं।


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