धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 8 नवंबर। राज्यपाल पुरस्कार के लिए जिले से स्काउट-गाइड के 74 बच्चों का चयन हुआ है। इन बच्चों के सम्मान में 7 नवंबर को बालक स्कूल में अलंकरण समारोह हुआ।
दोपहर 12 बजे आयोजित अलंकरण समारोह के अतिथि कलेक्टर नम्रता गांधी, एसपी आंजनेय वार्ष्णेय थे। विशिष्ट अतिथि स्काउट गाइड संघ के जिलाध्यक्ष गणेश साहू, सुधीर गुप्ता, उमेश साहू, गजानंद साहू, डीईओ टीआर जगदल्ले थे। कार्यक्रम में धमतरी जिले के चारों ब्लॉक से राज्यपाल पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले बच्चों का सम्मान किया। इसके अलावा स्काउट गाइड के अधिकारियों का भी सम्मान हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सदस्यों का स्कार्फ के साथ स्वागत हुआ। डीईओ टीआर जगदल्ले ने कहा कि राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की जरूरत होती है, जिसे कड़ी मेहनत से हासिल किया जाता है। सभी बच्चों को 10 व 12वीं में 10 अंक बोनस के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बड़ी सौभाग्य की बात है कि अलग से बोनस के रूप में 10 अंक मिलता है। भारत में स्काउट गाइड की शुरुआत 1909 में की गई, जिसकी स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को मनाया जाता है।
कलेक्टर बोलीं- बचपन की यादें ताजा हो गईं
कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि जब मैं इन बच्चों को देखती हूं तो मुझे मेरी बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। जब पुरस्कार वितरण चल रहा था, तो मैं कुछ बच्चों से बात की, तो उनकी बातों को सुनकर प्रसन्नता हुई। एक बच्चे को मैंने पूछा कि सेवा करते हो, तो उन्होंने कहा कि रास्ते में मैंने एक कुत्ते को रोटी खिला के आई, एक ने कहा मैंने एक वृद्ध को सडक़ पार कराई यह सुनकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। बच्चे की इस उम्र में उनकी मानसिकता ये है तो निश्चित ही आगे चलकर अपने लक्ष्य को पाने में सरलता होगी। हम सभी को सदैव सेवा, सहयोग एवं समर्पण भाव से बच्चों के विकास के लिए तैयार रहना होगा। स्काउटिंग त्याग और निस्वार्थ सेवा भाव का प्रतीक है, जो सदैव मानव के साथ-साथ संपूर्ण जीव जंतुओं से प्रेम करना सिखाता है। एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने कहा कि जब से मैं धमतरी में आया हूं, मैंने देखा है कि स्काउट गाइड के बच्चे हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। सडक़ सुरक्षा सप्ताह, नशा मुक्ति अभियान, जल जगार, स्वच्छता अभियान आदि इसका उदाहरण है। अध्यक्ष की जमीन की मांग है, तो इस बारे में मैं ये दावा नहीं कर सकता कि जमीन दिला सकता हूं, लेकिन इतना कह सकता हूं कि अगर संस्था को लगता है हमारे प्रशिक्षण के लिए जगह की कमी है, तो पुलिस ग्राउंड, जिला मुख्यालय ग्राउंड में अपना ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर सकते है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।