बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 नवंबर। जिले में नवंबर का महीना मौसम में बदलाव का संकेत लेकर आता है। मानसून की विदाई के साथ प्रदेश में उमस भरी गर्मी कम होती जाती है और शरद ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर देखा जाता है, जिससे लोगों को गर्मी और ठंड दोनों का अनुभव होता है। वहीं बलौदाबाजार जिले में नवंबर में हर सप्ताह के साथ मौसम में बदलाव होते रहेंगे जिससे दिन के समय हल्की गर्मी और रात में ठंडक महसूस की जाएगी। गर्म कपड़ों की जरूरत होगी।
बच्चों और बुजुर्गों को हो सकती है समस्या -डॉ. तिवारी
डॉ. नितिन तिवारी ने बताया कि मौसम में आ रहे इन बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ठंडक बढऩे से बुजुर्ग और बच्चों में सर्दी जुकाम की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके साथ ही किसानों के लिए यह मौसम अनुकूल होता है क्योंकि रवि फसलों की बुवाई और वृद्धि के लिए ठंडक और शुष्क मौसम जरूरी होता है। शरद का संकेत रहेगा।
पहला सप्ताह -हल्की गर्म और उमस
नवंबर के पहले सप्ताह में मानसून पूरी तरह से विदा हो जाता है। इस दौरान बंगाल की खाड़ी से नमी आनी कम होने लगती है, लेकिन हवा का रुख बदलते ही वातावरण में हल्की उमस और गर्माहट महसूस होती है। दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर और रात का तापमान सामान्य बना रहता है। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी की भी संभावना रहती है।
दूसरा सप्ताह -पूर्वी हवा बढ़ाएगी ठंड
नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर पूर्व हवाओं के प्रभाव के कारण ठंडक बढऩे लगती है। इस दौरान जिले के उत्तरी हिस्सों में तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाती है। पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। दिन में धूप और हल्की गर्मी का एहसास दिलाता है लेकिन रातें ठंडी होने लगती है।
तीसरा सप्ताह- शरद ऋतु का असर तेज
तीसरे सप्ताह में जिले में ठंडक स्पष्ट रूप से महसूस की जाने लगती है। इस दौरान दिन का तापमान स्थिर रहते हुए रात का तापमान धीरे-धीरे नीचे जाता है। जिले अधिकांश के क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 15 से 18 डिग्री के बीच हो सकता है जबकि तुरतुरिया कसडोल बल्दाकछार जैसे इलाकों में यह 12 से 15 डिग्री तक पहुंच सकता है।
चौथा सप्ताह- ठंडक चरम पर
नवंबर के चौथे सप्ताह तक जिले में ठंडक का प्रभाव तेज हो जाता है। इस दौरान उत्तरी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट देखी जाती है और रात का तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जिले के वनांचल क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री तक गिर सकता है जिससे वहां अधिकांश ठंडक महसूस होती है। दिन के समय में भी तापमान में गिरावट महसूस होती है और लोगों को हल्की ठंडक का एहसास होता है।