सुकमा

सुकमा, 26 अक्टूबर। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष कृष्णा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दो गुट की राजनीति में कस्तूरबा गांधी कोंटा की छात्राओं को सम्मलित करना जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी एवं खंड स्त्रोत समन्वयक की लापरवाही का नतीज़ा है, जो 35 बच्चे कस्तूरबा गांधी आश्रम से 80 किमी जिला मुख्यालय आकर कलेक्टर से शिकायत करना एक सोचनीय विषय है।
कृष्णा ने कहा, आदिवासी छात्रों को गुमराह कर राजनीतिक संरक्षण लेकर इस तरह सुनियोजित तरीके से बच्चों को शिकायत करने भेजना और जिला के जिम्मेवार जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी आख मूँद तमाशा देखना दुर्भाग्यपूर्ण है, यह जांच का विषय है कि उन बच्चों कौन प्रेरित या दबाव पूर्ण सुकमा भेजा गया। अगर उस बीच उन बच्चों कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कोन होता।
जल्द उन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए जो, कस्तूरबा गाँधी आश्रम से सुकमा जाने बच्चों को परमिशन दिया गया, इसकी जांच की मांग करती है एवं दोनों अधीक्षक को इस संस्था बाहर करना चाहिए।
कोंटा ब्लॉक मे जो अधिकारी है उनको आदिवासी बच्चों के भविष्य का कोई सरोकार नहीं है, अपनी राजनीति पकड़ के कारण यह सभी आदिवासी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।