बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 26 अक्टूबर। रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस भवन में 23 अक्टूबर को राज्य स्तरीय पठन महोत्सव का आयोजन रखा गया था। यह कार्यक्रम राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट का संयुक्त आयोजन था।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बुनियादी साक्षरता कौशल में सुधार तथा विद्यार्थियों में पढऩे की आदत विकसित करना था। पठन सामग्रियों के माध्यम से प्राथमिक कक्षाओं में सीखने की रोचक गतिविधियाँ, शिक्षक, समुदाय की भागीदारी बढ़ाना, पुस्तकालय का उपयोग, कहानी गढऩा और पठन सामग्रियों का उपयोग जानना था। इसमें प्रदेश भर से चयनित शिक्षक, अभिभावक, विद्यार्थी, शिक्षक लेखक, शिक्षक अनुवादक और शिक्षा विभाग के उच्च कार्यालयों के अधिकारीगण, एक्सन रिसर्च जेंडर के शिक्षक, रूम टू रीड इंडिया सेरी परियोजना से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे। न्यू सर्किट हाउस से कन्वेंशन हॉल में पठन का महोत्सव मनाया गया। यहाँ शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा आगंतुकों के लिए रूम टू रीड द्वारा प्रकाशित बाल साहित्यों की प्रदर्शनी और अस्थायी पुस्तकालय बनाया गया था। पठन-पाठन की प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु बाल साहित्य को छत्तीसगढ़ के चौदह स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कर प्रकाशित किया गया है। कुछ कहानियों स्थानीय संस्कृति और लोक व्यवहार लेकर शिक्षकों द्वारा लिखी गई, इनका भी स्थानीय भाषाओं में रुपांतरण किया गया है। इन बाल साहित्य की किताबों में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के अध्ययनरत चित्रकला के विद्यार्थियों द्वारा चित्रकारी की गई है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोक परंपरा, लोककला आदि का इन किताबों में पर्याप्त समावेश हो इसीलिए यह उपक्रम किया गया।
इस राज्यस्तरीय पठन महोत्सव में शासकीय प्राथमिक विद्यालय लमती के शिक्षक कन्हैया साहू अमित भी उपस्थित हुए। इन्होंने पचास स्टोरी कार्ड और छ: कहानियों का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर सहभागिता निभाई है। यह अनुवाद कार्य 2022 में विभिन्न आवासीय कार्यशालाओं के माध्यम से संपन्न हुए हैं। कन्हैया साहू एक शिक्षक के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी एवं हिंदी भाषा के कुशल रचनाधर्मी हैं। इन्होंने अपनी दोनों ही भाषाओं में बाल साहित्य सृजन कुशलतापूर्वक करते हैं। इस हेतु इनका चयन हुआ था। इसी प्रकार कहानी लेखन एवं अनुवाद कार्य हेतु विशेषज्ञ शिक्षकों का चयन समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा किया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्य में समग्र शिक्षा प्रमुख एम. सुधीश जी और टी.सी. जायसवाल जी की विशेष भूमिका है। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से सह संचालक पुष्पा किस्फोट्टा जी एवं बहुभाषा प्रकोष्ठ प्रमुख डेकेश्वर वर्मा प्रमुख रहे। रूम टू रीड की ओर से मनीष सिंह, मुकेश कुमार, ताहिर अली, नवनीत एवं उनकी टीम मौजूद रहे। खैरागढ़ विश्वविद्यालय की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर कपिल वर्मा, चित्रकार रागिनी सिंह उपस्थित हुए।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए अपनी-अपनी भाषा के जानकार शिक्षकों में रामेश्वर भगत, अनिल कुल्लू, अलबीना एक्का, धनीराम कड़मिया, चैनसिंह सुखरिया, शीतल बैस, किरण सिंह,सुनीता भगत, गणेश सोढ़ी, शिवचरण नेताम, रूद्र शर्मा, योगेश साहू, उद्धव बेहरा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
नवाचारी शिक्षिका योगेश्वरी साहू, अनिता मंदिलवार, पुर्णेश डडसेना, विजय दमाली, टिकेश्वर सिन्हा, जीवन चंद्राकर, महेन्द्र साहू, भोलाराम सिन्हा, सुधारानी शर्मा, मधु तिवारी, सुनीता यादव, सुंदर लाल डडसेना, विनोद डडसेना, डिजेन्द्र कुर्रे, फिरोज अहमद, चरणदास महंत आदि भी सक्रिय रहें। इस अवसर पर समस्त लेखक एवं अनुवादकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।