बलौदा बाजार

श्री सीमेंट प्लांट में ठेका मजदूरों की हड़ताल समाप्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 अक्टूबर। बलौदाबाजार से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित श्री रायपुर सीमेंट प्लांट खपराडीह में मंगलवार को श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर टूल डाउन हड़ताल की, जिससे संयंत्र प्रबंधन में हडक़ंप मच गया।
छत्तीसगढ़ श्री मजदूर सीमेंट संघ (इंटक) के बैनर तले ठेका श्रमिकों ने मंगलवार सुबह 6 बजे से काम बंद कर दिया, जिसके बाद संयंत्र का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया। हड़ताल के बाद प्रबंधन ने श्रमिकों की मांगों को स्वीकार कर लिया, जिससे श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
तीन प्रमुख मांगों पर हुई सहमति
यूनियन अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि श्रमिकों ने तीन प्रमुख मांगों – पदोन्नति, ग्रेच्युटी और बोनस – को लेकर हड़ताल की थी। कड़ी बातचीत और संघर्ष के बाद अंतत: प्रबंधन ने इन मांगों पर सहमति जताई।
पदोन्नति और वेतन वृद्धि
श्रमिकों की पदोन्नति की मांग को मानते हुए प्रबंधन ने सभी ठेका श्रमिकों की पदोन्नति की सहमति दी है। इसके तहत अकुशल श्रमिकों को अर्धकुशल श्रेणी में पदोन्नति दी जाएगी, जिससे उनके वेतन में 25 फीसदी की वृद्धि होगी। अर्धकुशल श्रमिकों को कुशल श्रेणी में पदोन्नति दी जाएगी, जिससे उनके वेतन में 30 फीसदी की वृद्धि होगी। कुशल श्रमिकों को उच्च कुशल श्रेणी में प्रमोशन मिलेगा, जिससे उनके वेतन में 30 फीसदी की वृद्धि होगी। इस वेतन वृद्धि का लाभ श्रमिकों को अप्रैल से अक्टूबर तक के एरियर्स के रूप में दिया जाएगा और इसका भुगतान अक्टूबर के वेतन में किया जाएगा। इस वर्ष लगभग 200 ठेका श्रमिकों की पदोन्नति की जाएगी, और यह प्रक्रिया हर साल की जाएगी, जिससे श्रमिकों को निरंतर लाभ मिलेगा।
ग्रेच्युटी का भुगतान
यूनियन और संयंत्र प्रबंधन के बीच हुई सहमति के अनुसार, जिन श्रमिकों को ग्रेच्युटी का भुगतान बकाया है, उन्हें दिवाली से पहले यह भुगतान कर दिया जाएगा। यह मांग भी श्रमिकों के लिए बड़ी जीत के रूप में सामने आई है।
बोनस पर सहमति
बोनस की मांग पर 20 घंटे तक चली कड़ी बातचीत के बाद, यूनियन और प्रबंधन के बीच 11त्न बोनस देने पर सहमति बनी। इससे ठेका श्रमिकों में जबरदस्त खुशी का माहौल है, क्योंकि यह बोनस श्रमिकों के त्योहारों के दौरान आर्थिक रूप से सहारा देगा।
श्रमिकों और यूनियन की एकजुटता
इस हड़ताल के दौरान यूनियन अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा के साथ महासचिव डेकराम यादव, उपाध्यक्ष दिलीप यदु, कोषाध्यक्ष लोकनाथ साहू, सह कोषाध्यक्ष रामा रजक, प्रचार-प्रसार मंत्री हेमलाल वर्मा, संगठन मंत्री हरीराम पाटकर सहित कई यूनियन प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उन्होंने श्रमिकों की एकजुटता को मजबूत करते हुए प्रबंधन के सामने श्रमिकों के अधिकारों के लिए जोरदार ढंग से अपनी मांगों को रखा।
हजारों की संख्या में ठेका श्रमिकों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया और अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। उनकी एकजुटता और संघर्ष का ही नतीजा है कि अंतत: प्रबंधन को उनकी मांगों के सामने झुकना पड़ा।
प्रबंधन की ओर से सकारात्मक कदम
संयंत्र प्रबंधन की ओर से विजय अग्रवाल (यूनिट हेड), प्रमोद द्विवेदी (कारपोरेट हेड), विश्वनाथ मिश्रा (आरआई हेड), गजेंद्र रघुवंशी, विमल झा और प्रहलाद दीक्षित ने श्रमिक यूनियन के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद हड़ताल समाप्त की गई और संयंत्र के संचालन को पुन: शुरू किया गया।
यूनियन ने संयंत्र प्रबंधन का धन्यवाद भी ज्ञापित किया और उम्मीद जताई कि भविष्य में प्रबंधन श्रमिकों की मांगों को समय पर पूरा करेगा, ताकि इस प्रकार की हड़तालों से बचा जा सके और संयंत्र का संचालन सुचारु रूप से चलता रहे।
श्रमिकों में खुशी का माहौल
इस ऐतिहासिक जीत के बाद ठेका श्रमिकों में उत्साह और खुशी का माहौल है। यूनियन द्वारा श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा गया कि यह उनकी एकजुटता और संघर्ष का परिणाम है, और आने वाले समय में भी श्रमिकों के अधिकारों के लिए यूनियन पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी।
इस जीत के बाद प्लांट में कामकाज पुन: सुचारु रूप से चलने लगा है, और श्रमिकों ने अपने-अपने कार्यस्थलों पर वापसी कर ली है।