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एसिड से झुलसी किशोरी को डॉ. सुनील कालड़ा ने दी नई जिंदगी
26-Sep-2025 3:14 PM
एसिड से झुलसी किशोरी को डॉ. सुनील कालड़ा ने दी नई जिंदगी

रायपुर, 26 सितंबर। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के एक छोटे से गाँव की रहने वाली 21 वर्षीय किशोरी के शरीर पर दुर्घटनावश एसिड गिर जाने के कारण शरीर का आधा हिस्सा कंधे से पैरों तक जल कर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमे सबसे ज्यादा प्रभावित दाई ओर के कमर का हिस्सा जो की पैरो तक संक्रमित हो गया था।

अतिसंक्रमित पैर को उनके जिले के डॉक्टरों ने काटने की सलाह दी, जिससे किशोरी के घर वाले बहुत परेशान हो गए एवं डर गए की लडक़ी अभी छोटी  है उसके आगे का भविष्य कैसा होगा, उसी बीच वहां के हृत्रह्र कार्यकर्त्ता श्री मार्को   को किशोरी के बारे में पता चला और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से बात की और किशोरी के सहयोग करने की अपील की। मंत्री ने मुख्यमंत्री से भी किशोरी के ईलाज हेतु सरकार के द्वारा सहायता करने का निवेदन किया। किशोरी के भविष्य को एवं उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा यह निवेदन स्वीकार कर लिया गया एवं रायपुर अंचल के प्रसिध्द कॉस्मेटिक व रिकन्स्ट्रटीव सर्जन डॉ. सुनील कालड़ा ने करीब 2-3 माह तक ईलाज चला उसके बाद स्वस्थ होकर सकुशल आज घर जा रही है। उसका बेहतर ईलाज कर उसे नई जिंदगी दी।

उत जानकारी देते हुए डॉ. सुनील कालड़ा ने बताया कि अभी तक 2800 से भी ज्यादा मरीजों के कटे अंगों को जोड़ चुके है तथा पूर्व में अखबार में प्रकाशित समाचार से भी कुछ मरीज आ चुके है. डॉ. कालड़ा ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन माइक्रोस्कोप में देखकर करना पड़ता है और मरीज को सघन निगरानी की जरूरत होती है. क्योंकि इसमें एक-एक  सूक्ष्म नसों को आपस में जोडऩा पड़ता है. यदि दुर्घटना में कोई अंग कट जाए तो उसको सुरक्षित रखने के लिए पालीथीन में बर्फ रखकर डॉक्टर के पास जोड़ा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि बहुत ज्यादा चोट, क्रश या जगह-जगह कटे अंगों को जोडऩा संभव नही है. उन्होंने अंत में यह बताया कि पूरे देश में ऐसे ऑपरेशन बहुत कम होते है।

डॉ. कालड़ा को शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान, चिकित्सकीय कार्य के क्षेत्र का सबसे उच्चतम सम्मान डॉ. बी.सी. रॉय अवार्ड, आदिवासी क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य हेतु इमरजिंग छत्तीसगढ़ अवार्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से सम्मानित किया जा चुका।


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