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5जी प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और आईओटी पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम हुआ शुरू
23-Sep-2025 1:12 PM
5जी प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और आईओटी पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम हुआ शुरू

कलिंगा विवि ने जर्मनी की संस्था डीएडीबी के साथ किया समझौता

रायपुर, 23 सितंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि डीएडीबी (जर्मन एकेडमी ऑफ डिजिटल एजुकेशन) और कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। समारोह में दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विश्वविद्यालय ने बताया कि डीएडीबी की ओर से श्री विवेक शर्मा (क्षेत्रीय हब प्रबंधक), सुश्री नीलाद्रि बिहारी रे (क्षेत्रीय हब प्रबंधक), सुश्री ओइंद्रिला घोष (व्यावसायिक भागीदारी प्रबंधक) और  सुश्री तेजस्विनी पाणिग्रही (व्यावसायिक भागीदारी प्रबंधक) उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय ने बताया कि कलिंगा विश्वविद्यालय से, उपस्थित सदस्यों में डॉ. संदीप गांधी (कुलसचिव), डॉ. विजयलक्ष्मी बिरादर (निदेशक, आईक्यूएसी),  डॉ. राहुल मिश्रा (शैक्षणिक मामलों के डीन), डॉ. वी.सी. झा (प्रभारी डीन, प्रौद्योगिकी संकाय),  डॉ. स्वप्निल जैन (मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख), डॉ. मनोज कुमार निगम (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख), डॉ. ईवीआर राव (सिविल इंजीनियरिंग के प्रमुख), और डॉ. ओ.पी. देवांगन (कंप्यूटर विज्ञान और आईटी के प्रमुख)।

 

विश्वविद्यालय ने बताया कि विवेक शर्मा ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), सौर प्रौद्योगिकी, 5जी/6जी और हाइड्रोजन ईंधन के क्षेत्र में डीएडीबी के भविष्य के दायरे पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्तुति दी, जिसमें बताया गया कि कैसे ये क्षेत्र उद्योग और शिक्षा के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

विश्वविद्यालय ने बताया कि इस साझेदारी का उद्देश्य 5जी प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे उभरते क्षेत्रों में अत्याधुनिक जर्मन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करना है। ये कार्यक्रम छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो उन्हें तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक नौकरी बाजार के लिए तैयार करते हैं।


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