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वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, योजनाओं पर एचएनएलयू में जागरूकता
30-Mar-2025 2:41 PM
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, योजनाओं पर एचएनएलयू में जागरूकता

रायपुर, 30 मार्च। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय  ने बताया कि 28 मार्च 2025 को वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं पर एक दिवसीय जागरूकता एवं संवेदनशीलता कार्यक्रम का आयोजन हुआ।  इस कार्यक्रम का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के समर्थन के लिए सरकार द्वारा लागू विभिन्न पहलों की समझ और जागरूकता को बढ़ाना था। कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध कानूनी अधिकारों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, कानूनी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और छात्रों के बीच संवाद का एक मंच प्रदान करना, और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करना था।

एचएनएलयू ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन फैकल्टी एवं छात्र आयोजक समिति के समर्पित प्रयासों से किया गया, जिससे इसकी सफल एवं सुचारू रूप से संपन्नता सुनिश्चित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत  कुलसचिव डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव के स्वागत उद्बोधन से हुई, जिसके बाद कार्यक्रम संयोजक डॉ. उत्तम कुमार पांडा ने विश्वविद्यालय की सामाजिक कल्याण में भूमिका और कानूनी जागरूकता के महत्व को रेखांकित किया।

एचएनएलयू ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य वक्तव्य दिल्ली विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग की प्रोफेसर (डॉ.) अर्चना कौशिक ने दिया। उन्होंने भारत और अन्य देशों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने वृद्धावस्था में स्वास्थ्य, वित्तीय असुरक्षा और सामाजिक अलगाव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए समग्र और समावेशी नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।

एचएनएलयू ने बताया कि प्रथम सत्र - माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम , 2007 पर केंद्रित था। इस सत्र का व्याख्यान राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान , सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की शोध अधिकारी सुश्री तान्या सेनगुप्ता ने दिया और इसे ॥हृरु के सहायक प्रोफेसर श्री कमल नारायण ने संचालित किया।

एचएनएलयू ने बताया कि  इस सत्र में अधिनियम के कानूनी ढांचे, वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल, उपेक्षा और दुर्व्यवहार से सुरक्षा, तथा उनके लिए न्यायाधिकरणों की स्थापना से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की गई। 


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