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रायपुर, 8 दिसंबर। आईआईएम रायपुर ने बताया कि भारतीय सेना (मुख्यालय- कोसा), भा.प्र.सं. रायपुर और सीजीएमएफपी फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं के लिए सतत आजीविका और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए एक साथ कदम बढ़ाए हैं।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि भारतीय सेना का शांतिकाल में नागरिक जनसंख्या की सहायता करने का एक लंबा और सम्मानित इतिहास रहा है। ब्रिगेडियर आनंद, मुख्यालय- कोसा के कमांडिंग ऑफिसर के नेतृत्व में, आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के इस सराहनीय कार्य का समर्थन करने के लिए कई पहल की जा रही हैं। इसमें छत्तीसगढ़ हर्बल्स की भागीदारी भी शामिल है, जो कि रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में पहली बार छत्तीसगढ़ में आयोजित आर्मी को जानिए कार्यक्रम का हिस्सा बनी।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि इतिहास में पहली बार मुख्यालय- कोसा की पहल के तहत, बस्तर की आदिवासी महिलाएं 15 दिसंबर 2024 को भारतीय सेना प्रमुख के निवास पर ‘विजय दिवस’ समारोह में ‘एट होम’ कार्यक्रम में भाग लेंगी। इस कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और कई विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ हर्बल्स को इस आयोजन में एक गौरवपूर्ण स्थान मिला है, जिसमें उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक स्टॉल लगाया जाएगा। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के वाइल्ड फॉरेस्ट हनी, कोदो कुकीज और वंजा एनर्जी बार को कार्यक्रम के अतिथियों को भेंट देने के लिए चुना गया है।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधिमंडल, जिसमें भा.प्र.सं. रायपुर के पीएमयू प्रमुख श्री हर्ष चतुर्वेदी और वैन धन विकास केंद्र, बकावंड, जगदलपुर की सुश्री बेला बाली मौर्य शामिल हैं, छत्तीसगढ़ हर्बल्स की सफलता की कहानी को प्रस्तुत करेंगे, जिसमें छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं की वित्तीय और सामाजिक स्वतंत्रता की उपलब्धियां होंगी।