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पेटेंट डक्ट्स आर्टेरियोसस करके डॉ. बक्शी ने बच्चे की बचाई जान
23-Oct-2024 2:33 PM
पेटेंट डक्ट्स आर्टेरियोसस करके डॉ. बक्शी ने बच्चे की बचाई जान

रायपुर, 23 अक्टूबर। नारायणा एमएमआई अस्पताल के डॉ. किंजल बक्शी ने बताया कि एक 40 दिन का बच्चा बहुत बीमार था। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और उसका वजन भी कम हो रहा था। जन्म के समय उसका वजन 2.75 किलोग्राम थाए लेकिन खाने में दिक्कत और सांस लेने की समस्या के कारण उसका वजन घटकर 1.8 किलोग्राम रह गया था।
डॉ. बक्शी ने बताया कि पहले उसे दुर्ग के एक अस्पताल में ले जाया गया थाए लेकिन बाद में उसे रायपुर के एक बच्चों के अस्पताल में रेफर किया गया। बच्चे की जांच की और पाया कि उसके दिल में एक बड़ा छेद है। दवाओंके बावजूद बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ। 

डॉ. बक्शी ने बताया कि  इसलिए, डॉक्टरों ने फैसला किया कि दिल में छेद को बंद करना होगा।लेकिन बच्चा बहुत छोटा था और उसका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता था। इसलिएडॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन के कैथ लैब में दिल का छेद बंद करने का फैसला किया।

डॉ. बक्शी ने बताया कि यह एक बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य थाए बच्चा बहुत ही छोटा होने की वजह से उसकी धमनियां काफी छोटी थी, बच्चे के वजन के अनुसार उपयुक्त उपकरणों को रूपांतरित कर डॉक्टर किंजल बक्शी, डॉक्टर सुमंता शेखर पाढ़ी एवं डॉक्टर अरुण अंडप्पन ने मिलकर सफलतापूर्वक इस प्रोसीजर को किया। 

डॉ. बक्शी ने बताया कि रोगी को पोषण पुनर्वास के लिए अगले दिन बालचिकित्सा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया बच्चा अब ठीक है उसका वजन भी बढ़ रहा है। मध्य भारत में पीडीए (पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस) प्रोसीजर वजन के हिसाब से सबसे छोटा बच्चा है।
 


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