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लघु और कुटीर उद्योगों के उत्पादों की मार्केटिंग सुविधा जारी रखने उरला इंडस्ट्रीज एसो. की सीएम साय से मांग
19-Aug-2024 1:49 PM
लघु और कुटीर उद्योगों के उत्पादों की मार्केटिंग सुविधा जारी रखने उरला इंडस्ट्रीज एसो. की सीएम साय से मांग

रायपुर, 19 अगस्त। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सी.एस.आई.डी.सी. के जरिये लघु एवं कुटीर उद्योगों के उत्पादों की मार्केटिंग सुविधा जारी रखने की मांग की है। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के बाद से ही सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से ही शासकीय विभागों की खरीदी लघु एवं कुटीर उद्योगों से ही होती थी। वर्तमान मे भी विगत 5 वर्षो से सी.एस.आई.डी.सी. द्वारा बिना किसी विवाद के सफलतापूर्वक शासकीय क्रय का विपणन संचालित किया गया। 

श्री गर्ग ने बताया कि छत्तीसग-सजय़ प्रदेश में वर्तमान में लगभग 40 ऐसी वस्तुए है जिनका उत्पादन प्रदेश में गुणवत्तानुसार किया जाता है ऐसी वस्तु का विपणन सी.एस.आई.डी.सी. द्वारा वर्तमान व्यवस्था अनुसार किया जाए। सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक सी.एस.आई.डी.सी. दर अनुबंध के स्थान पर क्रय के लिए जेम पोर्टल अपनाने का निर्णय लिया है। इसे पूर्णत: लागू करना प्रदेश के लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए घातक होगा, उन्हे अपने उत्पाद विक्रय करने में अत्याधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, एवं राष्ट्रीय स्तर पर सभी उत्पादकों/आपूर्तिकर्ताओं (वृहद, मध्यम एवं लघु) से प्रतिस्पर्धा के कारण प्रदेश के लघु एवं कुटीर उद्योगों को किसी प्रकार की प्राथमिकता नही मिल पायेगी। 

श्री गर्ग ने बताया कि जेम पोर्टल से पूर्णत: क्रय नियम लागु होने से प्रदेश की लगभग 700 से 800 लघु एवं कुटीर उद्योग इकाईयां विशेषत: बस्तर एवं सरगुजा सुदुर क्षेत्रों की बुरी तरह प्रभावित होगी। पूर्ववर्ती सरकार में भी उद्योगहित में प्रदेश के लघु एवं कुटीर उद्योगों से गुणवत्तानुसार सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से वस्तुओं का क्रय किया जाता था। छत्तीसग-सजय़ के लघु उद्योगपति देश भर के उन्नत राज्यों के बड़े उद्योगपतियों से प्रतिस्पर्धा नही कर पाएंगे। सी.एस.आई.डी.सी. से खरीदी की वर्तमान व्यवस्था छत्तीसग-सजय़ जैसे पिछड़े राज्यों के लिए सर्वाधिक सही प्रणाली है।


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