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रायपुर, 15 अक्टूबर। प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज द्वारा कराया गया तर्पण, तर्पण के लिए श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है । सोलह श्राद्ध में विद्वानों के सान्निध्य में नि:शुल्क सामूहिक तर्पण का आयोजन प्रांतीय अंखड ब्राह्मण समाज के द्वारा पितृ मोक्ष तर्पण कार्यक्रम महादेव घाट में सम्पन्न हुआ, जिसमें सैकड़ो की संख्या में शहरवासी तर्पण में भाग लिए।
श्राद्ध का वैज्ञानिक पक्ष एवम् महत्व बताते धर्म शास्त्रीय विषयों के प्रमुख एवम बिरगांव ईकाई विप्र प्रकोष्ठ के ब्लाक अध्यक्ष आचार्य पंडित हेमलाल शर्मा ने कहा कि सोलह श्राद्ध में पितृ गण पितृ लोक से मनुष्य लोक में वायव्य गति से आते है और देखते है कि उनके परिजन उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म कर रहे है अथवा नहीं।
श्राद्ध कर्म करते है उन्हे वे सुखसमृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है तथा जो श्राद्ध, तर्पण आदि नही करते है उन्हे वे श्राप देकर पुन: पितृ लोक को लौट जाते है। पं. गौरव दुबे ने बताया की पूर्व में पितृ दोष की हालत निर्मित हुई थी।
सामूहिक तर्पण का उद्देश्य ही पितृ दोष, काल सर्प दोष, ग्रहण दोष , मातृ दोष में तर्पण एवम श्राद्ध कर्म की शांति करवाना मुख्य भूमिका है। जहां इस प्रकार के सामूहिक आयोजन होते है वहा का वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाता है।
प्रांतीय अंखड ब्राह्मण समाज के संरक्षण में आयोजित पितृ तर्पण के इस अनुष्ठान के बारे में प्रदेशाध्यक्ष भारती किरण शर्मा ने बताया कि विगत 7 वर्ष से नि:शुल्क सामूहिक तर्पण कार्यक्रम का आयोजन यहाँ किया जा रहा है।


