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रायपुर, 4 जनवरी। जेसीआई दुर्ग-भिलाई के अध्याय में उस समय एक सुनहरा पन्ना जुड़ गया जब संस्था के अध्यक्ष जेसी सुरेंद्र मोनिका खेतान ने बताया कि -- जुलाई 2023 से -- जुलाई 2023 तक नागपुर जोन- में आयोजिर्त ं.ञ्ज.ङ्ख.स्. अर्थात जोन ट्रेनर्स वर्कशॉप में संस्था की ऊर्जावान सदस्य जेसीलेट आरुषि जैसवाल ने क्वालीफाई करके जोन ट्रेनर का सर्टिफिकेट प्राप्त करके जेसीआई दुर्ग-भिलाई का नाम रोशन कर दिया है।
संस्था के पूर्व सचिव जेसी संतोष रानू कुमार ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि संस्था के पूर्व अध्यक्ष जेसी रजनीश मंजू जैसवाल की पुत्री जेसीलेट आरुषि जैसवाल में प्रतिभा की असीम सम्भावनाओं को देखते हुवे पिछले कुछ वर्षों की टीम ने जेसीलेट आरुषि को हौसलों की उड़ान की टीम में इनहाउस रेगुलर ट्रेनर की भूमिका में नियुक्त कर दिया था।
संस्था के पूर्व अध्यक्ष जेसी राजेश सांखला ने जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सारे जोन एरिया से कुल 35 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था जिसमें से मात्र 20 प्रतिभागियों के चयन हुआ है जिसमें से जोन 9 के जेसीआई दुर्ग-भलाई से जेसीलेट आरुषि जैसवाल का चयन हुआ है।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य जेसी अनिल बल्लेवार ने कहा कि इस वर्कशॉप में प्रतिभागी की ट्रेनिंग देने की प्रतिभा को निखारते हुए यह सिखाया जाता है कि ट्रेनिंग सेशन लेते हुए आपकी अपनी ऑडियंस को इन्वाल्व करके अपने लक्ष्य के लिये मोटिवेट किया जाये. संस्था के अन्य सदस्य जेसी आदित्य राठी ने बताया कि जेसी अनिल बल्लेवार जी विगत कई वर्षों से जेसीआई दुर्ग-भिलाई के बैनर तले हौसलों की उड़ान नामक इनहाउस ट्रेनिंग का सेशन गाहे बगाहे करते ही रहते हैं जिसके परिणाम स्वरूप संस्था को 2016 में जेसी प्रणय माहेश्वरी जी, 2017 में जेसी नितेश केडिया जी एवं वर्तमान में जेसीलेट आरुषि जैसवाल जी जोन ट्रेनर के रूप में प्राप्त हुए. संस्था जे पीआरओ जेसी अनिल अरोरा ने बताया कि वर्तमान में जेसी प्रणय माहेश्वरी जी एवं जेसी नितेश केडिया जी नेशनल ट्रेनर के पद को सुशोभित कर रहे हैं और ऐसी ही कुछ सम्भावना निकट भविष्य में वे जेसीलेट आरुषि जैसवाल जी मे भी देखते हैं.
जेसीलेट आरुषि जैसवाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें ट्रेनिंग सेशन के दौरान यह सिखाया गया कि गोल सैटिंग अर्थात लक्ष्य का निर्धारण कैसे किया जाये, एक बिजनेस आईडी लेते समय किन -किन बातों का ध्यान रखा जाये तथा पैरेंट्स आईडी के समय किन-किन पॉइंट्स को कवर किया जाये ताकि आईडी के पश्चात ऑडियंस के मन मे किसी भी प्रकार के संशय की स्थिति ना रहे. आगे आरुषि जैसवाल ने बताया कि आगे उनका लक्ष्य आने वाले 6 माह के भीतर 35 घण्टों की ट्रेनिंग सेशन लेने का है ताकि संस्था को उनके अनुभव का लाभ प्राप्त हो सके.


