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रायपुर, 6 मई। सुयश अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग में जटिलतम एंजिओप्लास्टी करने के अपने प्रयास में एक और आयाम स्थापित किया है। ह्रदय की नशों में जमे हुए कैल्शियम को तोडऩे के लिए ऑर्बिटल एथिरेक्टमी की जटिल तकनीक द्वारा मरीजों का इलाज यहाँ प्रारम्भ किया गया।
यह तकनीक अभी सिर्फ विदेशो में उपलब्ध थी परन्तु अब इस तकनीक द्वारा रायपुर में ही इलाज संभव है। वे मरीज जिन्हे अत्यधिक कैल्शियम की वजह से बायपास कराना पड़ता था, इस तकनीक की मदद उनका इलाज सुयश अस्पताल में संभव हो सकेगा। डॉ गौरव त्रिपाठी ने इस तकनीक का सुभारंभ एक कार्यशाला के माध्यम से सुयश अस्पताल में किया।
ह्रदय रोगियों के लिए वरदान बन चुके सुयश अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग में समस्त जटिलतम ह्रदय जनित रोगों का इलाज पूर्व में भी कई बार होता रहा है। इस परिपाठी को आगे बढाने हेतु डॉ गौरव त्रिपाठी एवं उनकी टीम प्रतिबद्ध है।


