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रायपुर, 25 दिसंबर । आत्मनिर्भरता का पर्याय बन चुके 7 दिवसीय मेले का षुक्रवार को प्रारंभ साइंस कॉलेज मैदान में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि लगातार 19 वर्षों से मेले के लगातार होने से लोगों को इसके प्रति खासा आकर्षण रहता है।
यह सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार के अवसर ही नहीं उपलब्ध कराता बल्कि नये उद्योगों को स्टार्ट -अप प्रदान करने के लिए मंच भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इसकी पहचान हर जिले में बने, इसका विस्तार हो इसके प्रयास करते रहना चाहिए, स्वदेषी की भावना का प्रेरक है यह मेला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अस्थि रोग विषेषज्ञ डॉ.पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा कि गांधी जी ने जिस चरखे को आंदोलन के रूप में रखा वह स्व की अभिव्यक्ति का प्रतीक था जिसके पीछे देष की जनता चल पड़ी और आज़ादी पाई।
स्वदेशी किसी का विरोधी नहीं है वह खुले मन से सीखने, अपनो का उपर उठाने और सकारात्मक भाव का प्रतीक है। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि विधायक रायपुर ग्रामीण सत्यनारायण षर्मा ने इस अवसर पर कहा कि स्वदेषी मेला अपनेपन की भावना को बढ़ाता है और इससे स्वावलंबन की भावना उत्पन्न होती है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की पहली छत्तीसगढ़ रूकमणी महिला धमाल पार्टी की महिलाओं ने पगड़ी पहन कर हाथों में रखे ढोल बजाते हुए षानदार प्रस्तुति मंच पर दी। मेले में देष के विभिन्न राज्यों के खानपान, कलाकृतियों और उत्पादों के 300 से ज्यादा स्टाल लगाये गए हैं।


