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रायपुर, 22 दिसंबर। छत्तीसगढ़ शासन ग्रामोद्योग विभाग, संचालक ग्रामोद्योग हाथकरघा के सौजन्य से जिला हाथकरघा कार्यालय बिलासपुर के माध्यम से क्रिसमस एवं नव वर्श के अवसर पर आयोजित छत्तीसगढ़ के कोसा एवं सूती हाथकरघा वस्त्र प्रदर्षनी में प्रदर्षित कोसा एवं सूती वस्त्रों की भारी मांग बनी हुई है। कोसा सिल्क के वस्त्रों को पूजा के अवसर पर पहनना षुद्ध माना जाता है, जिसके फलस्वरूप पूजा हेतु छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों को बहुत पसंद किया जा रहा है। उक्त षासकीय हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी का आयोजित किया गया है।
प्रदर्र्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के कोसा एंव सूती हाथकरघा बुनकरों की कला एंव उत्कृश्ट डिजाईनों को आम नागरिक तक सीधे पहुचाना तथा छत्तीसगढ़ के बुनाई कला से परिचय करना है। प्रदेश के बुनकरों कलाकारों को सीधे आम नागरिकों से जोड़कर विपणन सुविधा उपलब्ध कराते हुये नीत नवीन डिजाईन के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना है। छत्तीसगढ़ प्रदेष के हाथकरघा पर उत्पादित वस्त्रों को एक छत कि नीचे सग्रहीत कर आम नागरिक तक पहुचना तथा प्रदेष के बुनकरों के लिये नियमित रोजगार उपलब्ध कराना है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के हाथकरघा कोसा वस्त्र बुनाई कला राश्टंीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। प्रदेश के बुनकर कलाकारों को अपनी उत्कृष्ट बुनाई कला हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष पुरस्कार प्राप्त होते है। ऐसे पुरस्कृत बुनकर कलाकारों के डिजाईनों को हाथकरघा पर महीन ताना बाना के धागों से सजाकर वस्त्र तैयार किये गये कोसा एवं सूती वस्त्रों को प्रदर्षित किया गया है।
नोडल अधिकारी डोमूदास धकाते, उप संचालक हाथकरघा जिला हाथकरघा कार्यालय बिलासपुर द्वारा अवगत कराया गया की उक्त प्रदर्शनी को बिलासपुर के नागरिक द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। शुुभारंभ के अवसर पर प्रदर्र्शनी में प्रदर्र्शित हाथकरघा वस्त्रों की बहुत मांग है। छुईखदान बुनकर सहकारी समिति मर्यादित छुईखदान के बुनकरों द्वारा तैयार कलात्मक कॉटन चादर बम्लेश्वरी बुनकर सहकारी समिति मर्यादित रामाटोला द्वारा तैयार कॉटन दरी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।


