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रायपुर, 12 दिसंबर। नाचा की संस्थापिका दीपाली सरावगी ने बताया कि भारतीय दूतावास शिकागो और उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन के तत्वावधान में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। नाचा ने विश्वपटल पर छत्तीसगढ़ स्वतन्त्रता सेनानियों की योगदान और आदिवासी संस्कृति को जीवंत कर दिया है।
श्रीमती सरावगी ने बताया कि नाचा का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलानी है। भारत अमेरिका समुदाय को छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी प्रस्तुत की है। उन्होंने साझा किया कि कैसे शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजों के खिलाफ लड़े, आज पूरे भारत को इस महान नेता पर गर्व है।
कार्यकारी उपाध्यक्ष तिजेंद्र साहू ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय कैसे रहते हैं, उनकी संस्कृति और राज्य के प्रति उनके योगदान के बारे में बात की है। छत्तीसगढ़ी प्रवासी भारतीयों द्वारा आदिवासी समुदाय की योगदान की कहानी साझा करना अविस्मरणीय पल था इस कार्यक्रम में नाचा ने बस्तर आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया।
श्री साहू ने बताया कि यह पहला मौका है जब किसी गैर सरकारी संगठन ने किसी विदेशी भूमि में इस तरह का आयोजन किया है। हमारी राज्य-समृद्ध संस्कृति को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए कार्य करना जारी रखे हुए है। भारत के महावाणिज्य दूत अमित कुमार इस भागीदारी के लिए के कार्यकारी सदस्यो को कार्यक्रम को लेकर बहुत खुशी जताते हुए आभार व्यक्त किये हैं।
श्री साहू ने बताया कि जब केंद्र सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस समारोह की घोषणा की, क्योंकि वैश्विक स्तर पर भारतीय दूतावास इस कार्यक्रम की मेजबानी करने की योजना बना रहा है। चूंकि अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय आदिवासी समुदायों को ढूंढना मुश्किल है, इसलिए नाचा ने भारतीय दूतावास से मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया है।
नाचा शिकागो की कार्यकारी दीपाली सरावगी, शशि साहू, खुशबू बंसल, वेंकट आदित्य, प्रशांत गुप्ता, अवनि साहू, तिजेंद्र साहू, नैशा गुप्ता और लता राव इस आयोजन के लिए प्रमुख योगदानकर्ता थीं। आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति ने सभी दर्शको का मन मोह लिया वे भी नृत्य को देखकर झूम उठे।