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शौक से तलब बन जाता है तम्बाकू सेवन-डॉ. मानिक
02-Jun-2021 2:03 PM
शौक से तलब बन जाता है तम्बाकू सेवन-डॉ. मानिक

  कृति द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर वेबिनार   

रायपुर, 2 जून। कृति ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर सोमवार को एक वेबिनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता दांत रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित मानिक ने कहा कि तंबाकू सेवन की चपेट में बड़े-बुजुर्गों के अलावा व्यस्क व किशोर भी हैं। तंबाकू सेवन के मनोवैज्ञानिक कारणों को समझाते हुए कहा कि यह तीन बातों से ज्यादा सेवन में प्रचलित है। 

डॉ. मानिक ने बताया कि पहली यह कि लोगों को यह विश्वास होता है कि इसके सेवन से आंतरिक ऊर्जा मिलती है। दूसरी बात आनंद की अनुभूति होती है। तीसरी बात तनाव दूर का सरल व सुगम उपाय है। मौखिक अवस्था में जब किसी बच्चे को ओरल संतुष्टि नहीं होती है या वंचना होती है तो आगे चलकर अचेतन में दमित यह अतृप्त इच्छा इस क्षेत्र की संतुष्टि की भरपाई के लिए शराब व तंबाकू का सेवन करते हैं। तंबाकू सेवन की गंभीरता एक दिन में नहीं होती है, बल्कि यह कई अवस्थाओं से होकर गुजरती है।

उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे तंबाकू निर्भरता की हद तक ले जाता है, जहां व्यक्ति को ही तंबाकू सेवन करने लग जाता है। इसके नहीं मिलने से बेचैनी, अनिद्रा, अरुचि, घबराहट, भ्रम, व्यामोह, थकावट, अस्थिरता की मनोविकारी लक्षण भी दृष्टिगोचर होने लग जाते हैं। इसके कारगर उपाय के लिए संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा, मनोविश्लेषण, समूह चिकित्सा समेत कई सहित परामर्श दिया जाता है।


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