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सीतारमण को जीएसटी विसंगतियों-सरलीकरण पर कैट के सुझाव
26-May-2021 1:36 PM
सीतारमण को जीएसटी विसंगतियों-सरलीकरण पर कैट के सुझाव

रायपुर, 26 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन अमर गिदवानी, मगेलाल मालू, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल बताया कि कैट सी.जी. चेप्टर ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को जीएसटी काउंसिल की आगामी 28 मई को होने जा रहे 43वीं बैठक हेतु जीएसटी के सरलीकरण एवं विसंगतियो को दूर करने हेतु सुझाव दिए।

श्री पारवानी ने बताया कि कैट ने अपने सुझाव दिये जो निम्नानुसार है:-इनपुट क्रेडिट का 105 प्रतिशत सम्बधिंत प्रावधान, नियम  21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण, ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती, ई-इनवॉइसिंग के 1 अप्रेल 2021 से रु. 50 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागु किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत।

श्री पारवानी ने बताया कि छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्, जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव, जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत्, ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु, माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं।  

आरसीएम संबधित प्रावधान-जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत्, स्पॉट ऑडिट संबधित प्रावधान, रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं, जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव, व्यवसाय को राहत देने एवं इज ऑफ डुईंग हेतु सुझाव, जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव,एक व्यवसाय एक कर आदि। 

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने वित्तमंत्री से कहा कि वर्तमान में व्यापारी वर्ग जीएसटी की दरों से जितना परेशान नही है उससे अधिक परेशान जीएसटी में परिवर्तन की दरों (जीएसटी के प्रावधानों में निरंतर हो रहे संशोधनों) से है। अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी के प्रावधानों में संशोधन कम हो एवं संशोधन वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही लागू हो। 


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