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रायपुर, 23 मई। म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) एक संभावित घातक एंजियो इनवेसिव फंगल संक्रमण है जो मधुमेह, कॉर्टिकोस्टेरॉइड और इम्यूनोसप्रेसिव दवाओ, इम्यूनो डेफिशियेंसी, किसी भी अंग प्रत्यारोपण, लौह अधिभार, लंबे समय तक आईसीयू में रहना इत्यादि से उत्पन्न होता है। इस कोरोना युग में राइनोऑर्बिटो सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस (आरओसीएम) की बढ़ती घटनाएं भारत में नई चुनौतियां पेश कर रही हैं। चूंकि आरओसीएम तेजी से बढऩे वाली बीमारी है, निदान या उचित प्रबंधन में थोड़ी सी भी देरी रोगी के अस्तित्व पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकती है।
हालांकि, प्रारंभिक निदान और चेतावनी के लक्षणों और संकेतों के बारे में जागरूकता, और आक्रामक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपचार के साथ उचित तौर-तरीकों द्वारा निदान की पुष्टि के परिणाम स्वरूप अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। राइनो.ऑर्बिटोसेरेब्रल म्यूकोर्माइटोसिस (ब्लैक फंगस) के चेतावनी लक्षण और संकेत-नाक से काले रंग का डिस्चार्ज होना, नासिका संबंधी अवरोध, प्रोप्टोसिस, पलकों का पक्षाघात, फेशियल पैरास्थेसिया, एनेस्थीसिया, दृष्टि कीअचानक हानि, चेहरे का दर्द, पलकों की पेरीओकुलर या चेहरे की सूजन, मलिनकिरण, पैरा नाक साइनस, दांत और आंख में क्षेत्रीय दर्द, नाक का बंद होना।


