बीजापुर

साल भर में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के दिन ही आते है शिक्षक
01-Jun-2024 3:49 PM
साल भर में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के दिन ही आते है शिक्षक

बीजापुर जिले के बंदेपारा स्कूल का हाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भोपालपटनम, 1 जून। सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने तमाम तरह के कयास और प्रयास कर रही है, लेकिन शिक्षक इसे पतीला लगाने में पीछे नहीं है। बंदेपारा गांव में शिक्षक पढ़ाने नहीं आते हंै।

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने शिक्षक नहीं छोड़ रहे कोई कसर

ब्लॉक मुख्यालय से महज़ 35 किलोमीटर दूर बंदेपारा प्राथमिक शाला में 34 बच्चें अध्यानरत हैं, वहीं पास के गांव कोरंजेड में 38 और कचलाराम में 24 बच्चों की स्कूल में दर्ज संख्या है। उन स्कूलों में सन 2022 में पदोन्नति कर बन्देपारा में गोटे गणपत हेडमास्टर, कोरंजेड में दुबा सुखराम और कचलाराम में मिच्चा इस्तारी की नियुक्ति की गई है। पर यह स्कूल भगवान भरोसे चल रहे है।

ग्रामीणों का आरोप है कि यहाँ शिक्षक पडऩे नहीं आते। गांव के शिक्षा दूत विनय कुम्मा ही पढ़ाते हैं। शिक्षकों  का कारनामा चौंकाने वाला है। यहां शिक्षक बिना गए सारे काम कर लेते हैं। सरकार का आदेश है कि किसी भी बच्चे को फेल न करें, इसका फ़ायदा उठाते हुए घर बैठे पेपर की सारी तैयारियां पूरी कर इन्हें पास करने का काम भी आसानी कर देते हैं।  ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक के स्कूल नहीं आने से उनके बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, ऐसे में उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे मिल पायेगी?

बच्चे रोज घर से तैयार होकर स्कूल जाते हैं और कुछ देर में वापस लौट आते हैं

बंदेपारा के ग्रामीण आरोप लगा रहे हंै कि उनके गांव के प्राथमिक शाला में पदस्थ टीचर 15 अगस्त और 26 जनवरी को आकर झंडा फहराकर चले जाते हैं, उसके बाद साल भर उनकी सूरत गांव में नहीं दिखती। बच्चे रोज घर से तैयार होकर स्कूल जाते हैं और कुछ देर में वापस घर लौट आते हैं।

अंदरूनी गांव में शिक्षा का स्तर खऱाब, मॉनिटरिंग करने नहीं जाते अफसर

अंदरूनी गांवों में शिक्षा का स्तर खऱाब होता जा रहा है। स्कूल में पदस्थ शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं, ऐसे में शिक्षा का स्तर सुधरेगा क्या गारंटी है। अंदरूनी गांव होने की वज़ह से यहां शिक्षा विभाग के अफसर झांकने नहीं जाते, इसका फ़ायदा उठाते हुए शिक्षक अपनी मनमानी करने में बाज नहीं आ रहे है।

बीईओ प्रवीण लाल कुड़ेम ने बताया-मैं तीन माह पहले ही ज्वाइन किया हूं। अगर ऐसी स्थिति होगी तो मैं खुद जाकर देखता हूं। शिक्षा के प्रति कोई भी शिक्षक लापरवाही बरतेगा, उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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