बीजापुर

मिसाल बनी सरिता अप्पाजी, महीने में 5-6 डिलीवरी नार्मल
10-Mar-2024 2:29 PM
मिसाल बनी सरिता अप्पाजी,  महीने में 5-6 डिलीवरी नार्मल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 10 मार्च।
महिला दिवस पर मिसाल बनी सरिता अप्पाजी गर्भवती महिलाओं का प्रसव करने में एक्सपर्ट मानी जाती हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में अपने फील्ड में बेहतर कार्य बखूबी निभाते हुए दिखती हैं।

रुद्रारम गांव की रहने वाली सरिता अप्पाजी 2015 में नेशनल हेल्थ मिशन के कार्यक्रम में एएनएम के तौर पर सब सेंटर चेरपल्ली में नियुक्त की गई है।
इनका जीवन बहुत ही संघर्ष भरा रहा है उनके पिता का देहांत उनके बचपन में हो गया था, उनकी माता ने बड़े ही संघर्ष कर उन्हें एएनएम की ट्रेनिंग करवाई है। कोर्स पूरा होने के बाद उनकी संविदा में नौकरी लगी।

वे बचपन से मेहनती रही हैं। उनका जज्बा इस प्रकार है कि कोविड जैसे महामारी के समय कंधे पर वैक्सीन का डब्बा टांगे फील्ड में घूमकर बेहद अच्छा कार्य करती रही हैं। 
इन्होंने अपने जीवन में असफलताओं को मात देकर खुद मुकाम हासिल किया है। अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा के साथ निभा रही हैं। सरिता को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए फील्ड में बेहतर कार्य करने के लिए अधिकारियों ने भी प्रेरणा दी है।

अब तक सैकड़ों प्रसव करवा चुकी सरिता बताती हंै कि उनके सब सेंटर चेरपल्ली में वो महीने में पांच से छ: या कभी उससे भी ज्यादा डिलीवरी करवाती हंै। अब तक कोई ऐसी ज्यादा समस्याएं नहीं हुई एक-दो बार मरीज की स्थिति सुधार नहीं आई तो उन्हें सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र भेजा गया है।

वेक्सीनेशन करने बरसात में परेशानी
सप्ताह में दो दिन वेक्सीनेशन के दौरान बरसात के मौसम में बड़ी कठिनाइयां होती है। दो साल पहले तक पोसडपल्ली नाले को पार करना बहुत ही मुश्किल होता था,कई बारे बारिश में नाले को पार कर पेद्दामटुर, चिन्नामटुर बच्चो को टिका लगाने गई थी। अब पिछले साल से थोड़ी मुश्किलें कम हुई है। पोसडपल्ली नाले में पुल बन चुका है, अब उधर जाने में दिक्कत नहीं होती।

कोविड के दौरान फील्ड में डटी रही 
महामारी के कोविड काल मे सरिता ने पूरे जज्बे के साथ कोविड के बचाव का प्रचार लोगों को घर जाकर वैक्सीन लगाने जैसी बहुत से सराहनीय कार्य किए हंै। वे बताती हंै कि जब फील्ड जाती थी तो माता को बहुत चिंता होती थी।
 


अन्य पोस्ट