बेमेतरा
आधार कार्ड भी बनवाया जा रहा, आवास भी स्वीकृत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 3 अप्रैल। मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के संरक्षण और देखभाल के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
आउटरीच वर्कर राजू प्रसाद शर्मा ने बेरला के ग्राम केशडबरी में तीन जरूरतमंद बच्चों की पहचान की। इनमें एक 13 वर्षीय बालिका और 10 व 8 वर्ष के दो बालक शामिल थे, जो किसी गंभीर असाध्य बीमारी से पीडि़त थे। उनके हाथ-पैर में गहरे घाव थे, जिससे उन्हें असहनीय कष्ट हो रहा था। अब उनका इलाज किया जा रहा है।
बच्चों की पारिवारिक स्थिति अत्यंत दयनीय
बच्चों की पारिवारिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उनकी माता भी इस असाध्य रोग से पीडि़त होकर परिवार को छोडक़र चली गई थी, जबकि पिता मानसिक रोगी थे। बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं था, जिससे वे सरकारी योजनाओं जैसे राशन और शाला प्रवेश से वंचित थे। उनकी देखभाल उनकी वृद्ध दादी द्वारा जैसे-तैसे की जा रही थी। 13 वर्षीय बालिका मजदूरी करके अपने छोटे भाइयों के लिए भोजन तैयार करती थी
बालक कल्याण समिति ने लिया संज्ञान
इस स्थिति की जानकारी मिलते ही बालक कल्याण समिति ने तत्काल संज्ञान लिया। समिति की अध्यक्ष निवेदिता शरद जोशी एवं सदस्य प्रफुल्ल शर्मा ने ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्रामीणों के सहयोग से बच्चों की सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की चिरायू टीम को सूचित किया। उसके बाद बच्चों को देवरबीजा उपस्वास्थ्य केंद्र से जिला चिकित्सालय स्थानांतरित किया गया। जिला चिकित्सालय में चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती कराकर बच्चों का इलाज शुरू किया गया, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बच्चों को नए कपड़े और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई।
स्किन टेस्ट के लिए सैंपल
बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्किन टेस्ट के लिए सैंपल रायपुर एम्स के डर्मेटोलॉजी विभाग द्वारा कर्नाटक भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद आगे का उपचार किया जाएगा। समिति के प्रयासों से बच्चों के आधार और आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत के सहयोग से बच्चों के लिए आवास स्वीकृत किया गया है, जिसका निर्माण प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त बच्चों के जीवनयापन और चिकित्सा सहायता के लिए राहत कोष से आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश भी जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दिए गए हैं।


