बेमेतरा

जिला न्यायालय की 6 व साजा में एक खंडपीठ में लगी नेशनल लोक अदालत
09-Mar-2025 4:43 PM
जिला न्यायालय की 6 व साजा में एक खंडपीठ में लगी नेशनल लोक अदालत

 2 करोड़ से अधिक अवार्ड राशि का किया वितरण
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बेमेतरा, 9 मार्च।
जिला न्यायालय परिसर व खंडपीठ में शनिवार को प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। बृजेंद्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। प्रांगण में विधिक सहायता डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन, स्वास्थ्य डेस्क व समस्त बैंक, विद्युत विभाग, फाइनेंस कंपनी द्वारा संचालित डेस्क लगाई गई। नेशनल लोक अदालत के लिए जिला न्यायालय में 6 और तहसील साजा न्यायालय में 1 खंडपीठ का गटन कर 2-2-2 सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई है।

2 करोड़ 38 लाख 34 हजार रुपए
अवार्ड राशि का वितरण

जिले में 9092 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरणों को निराकरण के लिए रखा गया, जिसमें से राजस्व, विद्युत विवाद, बैंक व बीएसएनएल प्रकरणों का निराकरण कर कुल 37 लाख 32 हजार 746 रुपए की वसूली की गई। न्यायालय में लंबित 92 आपराधिक, 12 सिविल, 91 पारिवारिक और 20 मोटर दुर्घटना दावा व अन्य प्रकरणों का निराकरण कर कुल 2 करोड़ 1 लाख 1 हजार 340 रुपए का अवार्ड पारित कर जिले में रिकॉर्ड अनुसार 2 करोड़ 38 लाख 34 हजार 86 रुपयों के मामलों का निराकरण किया गया। आपसी सहमति से सुनवाई के बाद पक्षकारों को बीमा, विद्युत व बैंक विवाद और अन्य प्रकरणों में कुल 10 लाख रूपए की मुआवजा राशि वितरित की गई।

प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई लघु फिल्में
जिला न्यायालय परिसर में विधिक रूप से जागरूक करने प्रोजेक्टर के माध्यम से घरेलू हिंसा, लैंगिक अपराधों व महिलाओं से छेड़छाड़, साइबर क्राइम और मोटर दुर्घटना सहित विभिन्न विषयों पर लघु फिल्म दिखाई गई। प्राधिकरण की गतिविधियों की झलकियां भी दिखाई गई। जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के विरूद्ध अपराध एवं साइबर क्राइम से संबंधित पॉपलेट का विमोचन किया गया। परिवहन विभाग ने शासकीय शुल्क पर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस कैप लगाया। बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश ने मृतक बिहारी प्रसाद निषाद की मृत्यु होने पर बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी व उसके अवयस्क संतान के पक्ष में 10 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने का आदेश दिया।

दूरियां राजीनामा करने में
बाधा नहीं बन सकती

एक प्रकरण में पति ने अपनी सास और पत्नी के साथ लड़ाई झगड़ा का मामला सामने आया। न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिता कोशिमा रावटे ने पक्षकारों के मध्य प्री-सीटिंग कराई। लोक अदालत के दिन पत्नी के बीमार पड़ जाने के कारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकी। तब न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्षकारों के मध्य राजीनामा करवाया।

18 मामलों का निराकरण
एक प्रकरण में दंपती वर्ष 2022 में एक साथ सुलह होकर साथ गए थे किन्तु उनके मन की शंका दूर न होने से उनके मध्य पुन: विवाद प्रारंभ हो गया था। उनके मध्य विवाद को पारिवारिक तथा सामाजिक स्तर पर सुलझाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। दंपती के 4 व 2 वर्ष के दो पुत्र भी हैं, जिनके भरण, पोषण के लिए पत्नी ने पति के विरूद्ध भरण पोषण का मामला न्यायालय में पुन: पेश कर दिया था। न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल के न्यायालय में उनके मध्य पुन: सुलह समझौता का अथक प्रयास किया गया। उन्हें दोनों बच्चों के भविष्य के बारे में समझाते हुए 4-5 काउंसलिंग की गई, जिससे उनका मन परिवर्तित हो गया और उन्होंने सुखमय पारिवारिक जीवन बिताने की शपथ लेकर शनिवार को लोक अदालत में अपना प्रकरण समाप्त करा लिया।

पति-पत्नी रह रहे थे अलग, बच्चों का नहीं हो पा रहा था पालन-पोषण
एक अन्य मामले में उभयपक्ष का विवाह वर्ष 2020 में हुआ था। उनका 2 साल का एक पुत्र है। उनके मध्य आपसी मतभेद इतना बढ़ गया था कि पत्नी ने न्यायालय में भरण-पोषण का मामला दायर कर दिया था और बच्चे के साथ पति से पृथक रह रही थी। पति का अपने बच्चे से इतना प्रेम है कि वह भरण-पोषण देने के लिए राजी हो गया था। किन्तु दोनों के अलग रहने के कारण उनके बालक का ठीक तरह से पालन-पोषण नहीं हो पा रहा था। उभयपक्ष के मध्य भी सुलह समझौता कराने का विशेष प्रयास न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल द्वारा कई दिन से किया जा रहा था। लोक अदालत के दिन पति-पत्नी अपने बच्चे के साथ न्यायालय में उपस्थित हुए और पत्नी ने अपना प्रकरण समाप्त करने का निवेदन किया। न्यायाधीश ने उन्हें सही निर्णय लेने की बधाई देते हुए वैवाहिक जीवन की महत्ता बताई और पूरे परिवार को राजीखुशी न्यायालय से विदा किया गया। फैमिली कोर्ट से सभी 18 परिवार खुशी-खुशी न्यायालय परिसर से विदा हुए।


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