बेमेतरा

12वीं और 10वीं की बोर्ड परीक्षा 1 व 3 मार्च से, नोट्स अधूरे, कोचिंग-कुंजी के भरोसे विद्यार्थी
28-Feb-2025 3:32 PM
12वीं और 10वीं की बोर्ड परीक्षा 1 व 3 मार्च से, नोट्स अधूरे, कोचिंग-कुंजी के भरोसे विद्यार्थी

प्री बोर्ड परीक्षा की भी नहीं हुई समीक्षा, स्कूलों के रिजल्ट सुधारने की बड़ी चुनौती 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 फरवरी।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा तय समय सारिणी के अनुसार कक्षा 12वीं की परीक्षा 1 मार्च और कक्षा 10वीं की परीक्षा 3 मार्च से आरंभ होगी। शनिवार से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षा में जिले की रैंक सुधारने की चुनौती होगी। इस बार निकाय फिर पंचायत चुनाव में शिक्षकों की डयूटी लगने की वजह से स्कूलों में परीक्षा की तैयारी प्रभावित हुई है। हालत ये है कि प्रीबोर्ड परीक्षा होने के बाद अब तक रिपोर्ट नहीं बन पाई है। जिले के 77 परीक्षा केन्द्रों में कक्षा दसवी के 13955 परीक्षार्थी एवं कक्षा बारहवीं के 8572 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।

जानकारी हो कि बोर्ड परीक्षा के पूर्व 20 से 29 जनवरी तक प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा आयोजित किए जाने के बाद सामने आई रिपोर्ट के अनुसार कमजोर परिणाम वाले स्कूलों का स्तर मुख्य परीक्षा आरंभ होने से पूर्व सुधारा जाना था पर इस बार निकाय व पंचायत चुनाव की वजह से प्रीबोर्ड परीक्षा में स्कूलों की स्थिति की समीक्षा के बाद स्तर सुधारने के लिए प्रयास नहीं हो पाया। सूत्रों की मानें तो अतिरिक्त कलास, रिविजन कराने के लिए शिक्षकों को समय नहीं मिल पाया। समय के अभाव के वलते जैसे-तैसे अब परीक्षा लेने की तैयारी की जा रही है। पूर्व में बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई थी। कार्ययोजना के अनुसार इस बार तैयारी नहीं हो पाई है।

बीते 9 दिसंबर को बोर्ड द्वारा परीक्षा के लिए समय-सारिणी घोषित की गई थी। इसके बाद जनवरी व फरवरी के दो माह समेत करीब 80 दिन का समय परीक्षा की तैयारी को लेकर बचा हुआ था। इसके बाद 20 से 29 जनवरी तक प्री बोर्ड परीक्षा ली गई। फिर लगातार तीन चुनाव के दौरान प्रशिक्षण से लेकर चुनाव संपन्न कराने की वजह से जिले के शिक्षक बच्चों को स्कूल में समय नहीं दे पाए। कई स्कूलों में नोट्स तक तैयार नहीं हो सके। हालत ये है कि स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थी कोचिंग या गाइड कुंजी के भरोसे पेपर दिलाने की तैयारी कर रहे हैं।

सत्र के दौरान कक्षा बारहवीं के छ:माही परीक्षाफल की समीक्षा में जिले के 17 स्कूलों का रिजल्ट 53 फीसदी से कम रहा। इन 17 स्कूलों में 13 स्कूलों का परीक्षाफल 48 फीसदी तक कम हो चुका था। वहीं चार स्कूलों का रिजल्ट 40 से लेकर 23 प्रतिशत तक आया था। इसी तरह कक्षा दसवी की छ:माही परीक्षा रिजल्ट के लिहाज से 21 स्कूलों का रिजल्ट 49 से लेकर 23 प्रतिशत रहा, जिसमे 14 स्कूल सी ग्रेड एवं 7 स्कूल डी ग्रेड के रहे। इस तरह के परिणाम सामने आने के बाद जनवरी के बाद केवल दो माह के दौरान इन कमजोर स्कूलों का परिणाम बेहतर बनाने की चुनौती थी। इसके बाद जिले में 20 से 29 जनवरी तक प्री बोर्ड परीक्षा बोर्ड की तर्ज पर ली गई थी।

कोलाहल नियम देर से हुआ लागू 
परीक्षार्थियों की पढ़ाई को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिए जरूरी कोलाहल अधिनियम देर से लागू किया गया। वर्तमान में कई क्षेत्रंों में डीजे या अन्य तेज आवाज वाले उपकरण बजाने से परहेज नहीं किया जा रहा है। 

शुक्रवार को साजा में परीक्षा पूर्व फेयरवेल दिये जाने से हुआ ध्वनि प्रदूषण चर्चा का कारण बना रहा। बहरहाल विपरित पस्थितियों का सामना कर रहे छात्रों पर अपना व जिले का परीक्षा परिणाम का स्तर सुधारने की चुनौती होगी। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी कमल कपूर बंजारे से जानकारी लेने का प्रयास किया गया पर अधिकारी ने कॉल रिसीव नहीं किया।

सरकारी व निजी स्कूलों के परिणाम सुधारने की चुनौती 

परीक्षा आरंभ होने से पूर्व जिले के सरकारी व निजी स्कूल दोनों स्कूलों का रिजल्ट सुधारने की चुनौती होगी। बारहवी बोर्ड परीक्षा की अपेक्षा कक्षा दसवी की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट की स्थिति को देखा जाए जो बीते 8 सत्र से हाईस्कूल परीक्षा में जिले का रिजल्ट कमजोर रहा है। जिला 2016 से लेकर 2024 तक प्रदेश के टॉप टेन से बाहर चल रहा है। सत्र 2016 के दौरान जिला 18 वें स्थान पर था। वहीं इसके बाद 2017 में 12 वें, 2018 में 26 वें, 2019 में 27 वें, 2020 में 23 वें, 2022 में 27 वें, 2022 में 27 वें, 2023 में 25 वें और 2024 में खिसककर 30 वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि जिले के लिए बारहवीं का परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं माना जा सकता पर कक्षा दसवी की अपेक्षा 12वीं का रैंक बेहतर रहा है।


अन्य पोस्ट