बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 फरवरी। शासकीय प्राथमिक शाला गुनरबोड़ में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बालिका शिक्षा के महत्व को बताया गया। नवाचारी शिक्षिका विधि शर्मा ने बालिकाओं को समझाया कि शिक्षा ही बालिकाओं का सबसे बड़ा गहना है। बालिकाओं के लिए शिक्षा ही महत्वपूर्ण हथियार है, जिसके द्वारा आप जीवन की हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।
उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि बाल विवाह करके बच्चियों का जीवन खराब न कर बेटियों को पढऩे के लिए प्रेरित करें और अपनी बच्चियों को उनका उज्ज्वल भविष्य दें।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह लड़कियों और लडक़ों दोनों पर असर डालता है लेकिन इसका असर ज़्यादातर लड़कियों पर पड़ता है। बाल विवाह के कई दोष हैं। बाल विवाह से बच्चों पर हिंसा, शोषण और यौन शोषण का खतरा रहता है। कम उम्र में शादी करने से लड़कियों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। बाल विवाह से लड़कियां शिक्षा से वंचित हो जाती हैं।
उन्होंने बाल विवाह को अपराध बताया। इस पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है। महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक भावना सिन्हा ने बाल विवाह के दुष्परिणाम की चर्चा की। इस अवसर पर प्रधान पाठिका आशा कुजूर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंद्राणी सोनवानी, किशोरी बालिका प्रज्ञा, माही, किरण, प्रतिज्ञा, मधु, सुखमनी, तीज बाई, रूखमणी, रेखा आदि ने मौजूद रहीं।


