बेमेतरा

टोकन नहीं मिलने से जिले के 5100 से अधिक किसान धान बेचने से हो जाएंगे वंचित
31-Jan-2025 2:59 PM
टोकन नहीं मिलने से जिले के 5100 से अधिक किसान धान बेचने से हो जाएंगे वंचित

आज धान खरीदी का अंतिम दिन, 738 किसानों को टोकन जारी किया गया 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 31 जनवरी।
जिले के 51 सौ से अधिक किसान 31 जनवरी तक होने वाली धान खरीदी के दौरान अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे। जिले में 29 जनवरी की स्थिति में 7864 किसानों से धान खरीदा जाना शेष था, जिसमें से 1836 किसानों के लिए गुरूवार को टोकन जारी हुआ था। वहीं शुक्रवार के लिए 738 किसानों को टोकन जारी किया गया है। इसके बावजूद भी जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में 5190 किसान धान बेचने से वंचित हो रहे हैं।

परिवहन नहीं होने के कारण केंद्रों में बफर स्टॉक फुल
एक तरफ धान बेचने से वंचित किसान हलाकान हैं। वहीं परिवहन की कमजोरी का सामना कर रहे केन्द्रों में धान खरीदी बंद होने के साथ बफर स्टॉक को सुरक्षित रखने व सूखत से बचाने की समस्या भी केन्द्रों के कंधे पर डाला जाएगा।

जानकारी हो कि नवंबर माह के प्रथम पखवाड़े से प्रारंभ हुई धान खरीदी के लिए केवल एक दिन यानी शुक्रवार का समय बचा हुआ है। जिले में धान बेचने के लिए छोटे व मध्यम वर्ग के 142206 किसानों ने 105688.94 हेक्टेयर का धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है, जिसमें से 134788 किसानों ने अपने 102495.03 हेक्टेयर का कुल 5124477.92 टन धान बेचा है। वहीं पंजीकृत बड़े किसान 22493 ने अपने 85877.90 हेक्टेयर रकबा का धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है, जिसमें से 22047 किसानों के द्वारा कुल 83965.73 हेक्टेयर र्का 413377.04 टन धान 29 जनवरी तक बेचा गया। 

इसके बाद जिले के 7418 छोटे व मध्यम किसान एवं 446 किसान समेत 7864 किसान धान बेचने से रह गये थे, जिसमें से 30 जनवरी को 1836 किसानों के लिए टोकन जारी किया गया। वहीं 31 जनवरी को 738 किसान समेत दो दिन के दौरान कुल 2674 किसान के लिए टोकन जारी हुआ है। 2674 किसान से धान खरीदी होने के बाद भी जिले के धान बेचने के लिए 5190 किसान वंचित रह जाएंगे।

मात्र दो दिन के लिए टोकन जारी
जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में जारी सप्ताह में केवल दो दिन गुरुवार व शुक्रवार को धान खरीदी के लिए टोकन जारी किया गया। जिले में 24 जनवरी को जारी किए गए टोकन के बाद 29 जनवरी तक धान खरीदी के लिए टोकन जारी नहीं किए जाने से केन्द्रों तक धान की आवक बंद रही। वहीं धान लेकर बेचने के लिए टोकन मिलने का इंतजार कर रहे किसान उर्पाजन केन्द्र से 6 दिन तक धान बेचने से वंचित रह गए थे। धान खरीदी के दौरान पहली बार ऐसा हुआ है, जब बगैर वाजिब कारण के सामने आए 5000 से अधिक किसानों को टोकन जारी नहीं किया गया हो।

परिवहन:  इस समस्या का हल नहीं निकाल पाए जिम्मेदार 
जिले के खरीदे गए धान में आधे से कम का उठाव हुआ है। आधे से अधिक धान केन्द्रों में ही पड़ा हुआ है। कई ऐसे धान खरीदी केन्द्र हैं, जहां पर 25 फीसदी से कम धान का उठाव हुआ है। आज की तारीख में प्रभावित केन्द्र में 75 फीसदी से अधिक का धान भरा हुआ है। जिले में सबसे कम परिवहन धान खरीदी केन्द्र गनियारी में हुआ है, जहां पर खरीदे गए धान की एवज मे केवल 16 फीसदी के करीब धान का परिवहन हुआ है। 

इस केन्द्र में 56839 क्विंटल धान खरीदा गया है, जिसमें से महज 9334 क्विंटल धान का उठाव हुआ है। बचत 47505 क्विंटल धान केन्द्र में ही है। 
जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर ग्राम जिया के धान खरीदी केन्द्र में 55552 क्विंटल धान में से 10628 क्विंटल धान का परिवहन हुआ है। बचत 44923 क्विंटल धान केन्द्र में ही है। अकलवारा धान खरीदी केन्द्र में 57361 क्विंटल में से केवल 13883 क्विंटल धान का उठाव हो पाया है। बचत 43478 क्विंटल धान का बफर स्टॉक पड़ा हुआ है। चोगीखपरी में 79747 क्विंटल धान खरीदी हुई है, जिसमें से 22252 क्विंटल धान का परिवहन हुआ है, जिसके बाद बचे 57495 क्विंटल धान का स्टॉक है। सभी केंद्रों में 16 फीसदी से लेकर 27 फीसदी धान का परिवहन अब तक हुआ है, जिसके बाद 73 फीसदी से अधिक का धान का स्टॉक केन्द्रों में है। इनके अलावा पाहदा केन्द्र में 71 फीसदी धान का उठाव होना बाकी है। इसी तरह कठिया केन्द्र में 67 फीसदी, केन्हेरा में 69 फीसदी, केवतरा में 67 फीसदी, किरीतपुर में 66 फीसदी, कोगियाकला में 65 फीसदी, खुडमुडा में 65 फीसदी, गाड़ाडीह में 73 फीसदी का स्टॉक है।
 


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