बेमेतरा

बेमेतरा के 9 हजार किसान नहीं बेच सके हैं धान, खरीदी में बचे हैं अब मात्र पांच दिन
25-Jan-2025 3:15 PM
बेमेतरा के 9 हजार किसान नहीं बेच सके हैं धान, खरीदी में बचे हैं अब मात्र पांच दिन

खरीदी का पूरा सीजन बीत रहा, पर उठाव में तेजी नहीं आई 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 25 जनवरी।
जिले में धान खरीदी के लिए अब पांच दिन बचे हैं। अंतिम दिनों में बचे हुए किसानों से शतप्रतिशत धान खरीदा जाना है। जिले में लगभग 9 हजार किसानों का खरीदा जाना बाकी है। इधर खरीदी केन्द्रों में रखा हुआ धान का ओवर स्टाक भी परेशानी का कारण बना हुआ है। नवंबर के मध्य माह से जारी धान खरीदी में अब तक केवल 47 फीसदी धान का उठाव हुआ है।

धान खरीदी केन्द्रों के लिए धान का बफर लिमिट समस्या का रूप ले चुका है। जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में से 24 केन्द्रों में सबसे अधिक समस्या है। जहां 55 हजार क्विंटल से 77 हजार क्विंटल का स्टाक है। क्षमता से अधिक स्टाक से प्राभावित धान खरीदी केन्द्रो में बुंदेला में 48723 क्विंटल, बदनारा में 50 हजार क्विंटल, दाढ़ी में 50 हजार क्विंटल, गोढ़ी कला में 53 हजार, पदुमसरामें 53 हजार, झाल में 52 हजार , किरीतपुर में 58 हजार, कुसमी में 58 हजार, चोगीखपरी में 57 हजार, मुरता में 58 हजार, मल्दा में 56 हजार, सल्धा में 60 हजार, खंडसरा में 60 हजार, सेमरिया में 62 हजार, कुंवरा में 60 हजार, कटई में 58 हजार, पेन्डीतराई में 60 हजार, डगनिया ब में 64 हजार, पतोरा में 64 हजार, नांदधाट में 62 हजार, बारगांव में 72 हजार, पुटपुरा में 64 हजार, संबलपुर में 76 हजार और सबसे अधिक बेरला ब्लाक के ग्राम सोढ़ के धान खरीदी केन्द्र में 77 हजार क्विंटल से अधिक का भंडारण है।

मिलर उठा रहे हैं पर 4 संग्रहण केन्द्रों के लिए कम उठाव 
कम परिवाहन होने की पीछे कारण बताया गया है जिसके अनुसार धान उठाव के लिए बेमेतरा ,रायपुर व बिलासपुर के राइस मिलरों को डीओ जारी किया गया है। जिनके द्वारा 84 फीसदी धान का उठाव किया गया है। वही धान खरीदी केन्द्रों से संग्रहण केन्द्र के लिए किए जा रहे परिवाहन में परिवाहन कर्ता कम रूचि दिखा रहे है। धान संग्रहण केन्द्र बासीन , सेलूूद फड़, जेवरा सिरसा, कोडिय़ा केन्द्र के लिए परिवाहन करने वालों ने केवल 12 प्रतिशत ,41 ़83 प्रतिशत एवं 55 ़19 प्रतिशत का परिवाहन किया गया जिसकी वजह से केन्द्रों में अधिक भंडारण हो गया है। इनके बचत अरसनारा के लिए 82 ़61 फीसदी, लेंजवारा सरदा के लिए 87 ़24 फीसदी और तिल्दा के लिए 94 ़24 फीसदी है।

खरीदी 94 फीसदी और उठाव मात्र 47 फीसदी 
जिले के धान खरीदी केन्द्रों में अब तक 168839.80 टन मोटा, 34799़92 टन पतला धान ,706459.80 टन समेत 910099.52 टन धान खरीदा जा चुका है। जिसमें से 138149.95 टन मोटा धान, 28578.93 टन पतला धान, 253925 .60 टन सरना धान समेत कुल 420654.85 धान का उठाव हुआ है जो कुल खरीदी का महज 46.22 फीसदी है। बचत धान में 30689.35 टन मोटा धान, 6220.99 पतला धान एवं 452534.20 टन सरना धान समेत कुल 489445.04 टन धान का स्टाक है जिसमें सबसे अधिक सरना धान का स्टाक है। धान खरीदी अंतिम चरण में है पर उठाव के लिए 53.78 फीसदी धान खरीदी केन्द्रों में भरा हुआ है।

सर्वाधिक स्टाक वाला खरीदी केंद्र 
बारगांव, मोहगांव, कठिया, नांदघाट, पतौरा, डंगनिया (ब), पेण्ड्रीतराई, कटई, सेमरिया, खण्डसरा, सल्था, मल्दा, चोंगीखपरी, कुसमी, किरीतपुर, झाल (बेमेतरा), गाड़ाडीह, पदुमसरा, गोढ़ीकला शामिल है।

बचे हुए किसानों में छोटे किसान अधिक
जिले में इस बार धान बेचने के लिए 142208 लघु व सीमान्त किसान एवं 22491 बड़े किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत 133903 छोटे व सीमान्त किसान एवं 21803 बड़े किसान धान बेच चुके हैं। धान के बेचने के लिए अब 8305 छोटे व मझोले किसान 688 बड़े किसान समेत 8993 किसान ही बचे हुए हैं । 

बचे हुए किसानों को ओवर स्टाक की वजह से धान को केन्द्र तक लाने दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है जिसे देखते हुए फिलहाल टोकन जारी करने की प्रक्रिया को धीमा कर दिया गया है। बहरहाल धान खरीदी के अतिंम दिनो में भी सबसे अहम परिवहन व भंडारण की समस्या का निराकरण नही हो पाया है, जिसे देखते हुए अब धान खरीदी का समय बढ़ाए जाने की मांग उठने लगी है।


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