बेमेतरा
क्लेम मिलने में देरी, कर्जदार होना बनी वजह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 जनवरी। जिले में बीते सत्र में रबी फसल सीजन में फसल बीमा कराने वालों की अपेक्षा 5 हजार से अधिक किसानों ने फसल बीमा नहीं कराया है। पीएम फसल बीमा कराने से किसान पीछे हट रहे हैं। बीते सीजन में मौसम की वजह से फसल नुकसान की एवज में पर्याप्त क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिलने व धान खरीदी की रफ्तार कम होने को कारण बताया जा रहा है। जिले के सहकारी बैंक में 76 हजार 432 किसानों ने चना, गेहूं व सरसो फसल के लिए बीमा कराया है। गत सीजन में सहकारी बैंक में 81 हजार से अधिक किसानों ने बीमा कराया था।
जानकारी हो कि रबी व खरीफ फसल सीजन के दौरान मौसम आधारित नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए पीएम योजना के तहत दोनों सीजन की प्रमुख फसलों का बीमा कराया जाता है। आमतौर पर बैंक से लोन लेकर खेती करने वाले किसानों को फसल बीमा अनिवार्य कर दिया गया है। इनके आलावा दोनों सीजन के दौरान किसान भी फसल नुकसान की भरपाई के लिए बीमा का लाभ लेते हैं। बीते रबी सीजन के दौरान जनवरी, फरवरी व मार्च में असमय बारिश होने की वजह से जिले में चना, गेहूं व सरसो की फसल को नुकसान हुआ था, जिसके बाद किसानों को क्लेम पाने के लिए महीनों तक कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ा। वर्तमान में हालत ये है कि कई गांव के किसानों को आज भी बीमा कराने के बाद क्लेम राशि नहीं मिली है। राशि जारी करने में हुई गड़बड़ी की वजह से परेशान होकर इस बार समितियों के माध्यम सेे बीमा कराने वाले 5 हजार किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना से मुंह मोड़ लिया है। जिले में जारी रबी सीजन में गेहूं सिंचित फसल के लिए 7516 किसान, गेहूं असिंचित 245, चना 68291 व सरसो के लिए 375 किसानों ने बीमा कराया है।
बीते 2023 में रबी सीजन दौरान गेहूं सिंचित के लिए 8510, गेहू असिंचित 537, चना 72454 व सरसो के लिए 87 किसानों ने बीमा कराया था। इस बार पूर्व की अपेक्षा 5156 किसानों ने फसल बीमा कराने में रूचि नहीं दिखाई है। इस बार केवल सरसो लेने वाले किसानों की संख्या बढऩे की वजह से बीमा कराने वालों की संख्या बढ़ी है।
खरीदी 57 फीसदी, बीते सीजन से पीछे
जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में 5 लाख 65 हजार 741 टन धान खरीदी की जा चुकी है, जो कुल अनुमानित 9 लाख 92 हजार 463.78 टन का 57 फीसदी है। बीते सीजन के दौरान पूर्व के लक्ष्य की अपेक्षा 60 फीसदी से अधिक धान खरीदा जा चुका था। कम खरीदी होने का असर भी फसल बीमा पर होने की बात सामने आई है।
बार-बार अड़चन आने की वजह से धान खरीदी की मंद
14 नवबंर से आज तक धान खरीदी पहले बारदाना, फिर परिवहन, मिलर, उठाव नहीं होने से हुए ओवर स्टॉक उसके बाद बीते दिनों मौसम की वजह से प्रभावित होती रही। धान की खरीदी बार-बार लंबित होने की वजह से आज तक धान खरीदी के लक्ष्य के मुताबिक खरीदी नहीं हो पाई है। धान नहीं बेच पाने की वजह से खरीफ सीजन में कर्ज लेने वाले किसानों के खातों में कर्ज की कटौती नहीं हुई है, जिससे कई किसान कर्ज मुक्त नहीं होने की वजह से रबी सीजन में नया कर्ज नहीं ले पाए हैं। इससे भी प्रभावित किसान 31 दिसंबर तक स्थिति तक बीमा कराने से वंचित रह गए। गत रबी सीजन के दौरान जिले में 88 हजार 761 किसानों ने बीमा कराया था, जिन्हें फसल नुकसान जनवरी 2024 के दौरान असमय बारिश से हुई थी। नुकसान के 7 माह बाद भी 86 हजार 866 किसानों को 186 करोड़ 76 लाख की क्लेम राशि दी गई। आज भी कई किसान बीमा क्लेम पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।


