बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 20 दिसंबर। जिले में सिकलसेल जांच के लिए 2 माह से किट की कमी के चलते सिंतबर के बाद से केवल 3578 सैंपलों की जांच हुई है। जिले को सिकलसेल मुक्त जिला बनाने के लिए जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्रो में जांच किट उपलब्ध कराने की जरूरत है। जिले के 130 उपस्वास्थ्य केन्द्रों में जांच की सुविधा नहीं होने की वजह से जांच कराने के लिए लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर जिला अस्पताल की ओर रूख करना पड़ रहा है।
सिकलिंग उन्मूलन के लिए आगामी मार्च 2025 तक जिले के अधिक से अधिक लोगों की जांच की जानी है। जारी वित्तीय सत्र के लिए स्वास्थ्य विभाग को 4 लाख 25 हजार 236 सैंपल जांच करने का टारगेट मिला है, जिसमें 103 फीसदी जांच यानी 4 लाख 36 हजार 953 सैंपलों की जांच की गई है। जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ में लक्ष्य के विपरीत 66 से 73 फीसदी जांच की गई है। वहीं जिला अस्पताल में लक्ष्य से कई गुना अधिक जांच हुई है। जिला अस्पताल के दम पर जिले में टारगेट से अधिक जांच की गई है। जिला अस्पताल में अधिक जांच के पीछे बताया जा रहा है जिले के चारों ब्लॉक के 130 उपस्वास्थ्य केन्द्रों में जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं होना है। गांव में किट नही होने की वजह से लोगों को सीधे जिला अस्तपाल पहुंचकर जांच करानी पड़ रही है।
एक रोगी और एक होता है रोग वाहक
सिकल सेल मुख्यत: दो प्रकार का होता है। एक रोगी और एक रोग वाहक। सिकल सेल रोगी में दोनों जीन खराब होते हैं। जबकि रोग वाहक सिकल सेल में सिर्फ एक जीन में ही खराबी होती है। यदि माता-पिता दोनों सिकल सेल रोगी हैं तो उनके सभी बच्चे सिकल सेल रोगी पैदा होंगे। वहीं माता-पिता में से किसी एक से सिकल सेल और दूसरे से नॉर्मल जीन मिलता है। इन्हें सिकल सेल ट्रेट या वाहक कहते हैं। इसमें बीमारी की बिना जांच के पता नहीं चल पाता। इसमें परेशानी नहीं होती।
खुशखबरी केवल जिला अस्पताल वालों के लिए, ब्लॉक में 62 फीसदी जांच हुई
जानकारी हो कि बेमेतरा ब्लॉक के लिए 102400 सैंपल जांच करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें से केवल 67146 जांच की गई है। बेमेतरा ब्लॉक में लक्ष्य के विपरीत 66 फीसदी जांच हो पाई है। 67146 में से 64828 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शेष रिपोर्ट में 1095 को वाहक यानी लक्षण वाला होना पाया गया है। वहीं 85 सैंपलों की रिपोर्ट में मरीज का गंभीर होना पाया गया है। बचे सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है। इसी तरह बेरला के लिए 1 लाख 2 टारगेट तय किया गया है, जिसमें 66 हजार 423 सैंपलों की जांच हुई है। इस ब्लॉक में भी 66 फीसदी जांच हो पाई है। जांच में 64 हजार 581 की रिपोर्ट निगेटिव, 875 मरीज लक्षण वाले व 50 गंभीर मरीज मिले हैं। नवागढ़ ब्लाक में 1 लाख 5 हजार 598 का टारगेट है, जिसमें 77 हजार 362 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें 74 हजार 63 की रिपोर्ट निगेटिव व 2273 वाहक यानी लक्षण वाले व 65 गंभीर मरीज मिले हैं। साजा ब्लॉक में 1 लाख 5 हजार 236 टारगेट की 73 फीसदी जांच हुई है। इस ब्लॉक में 76 हजार 284 जांच की गई, जिसमें 73 हजार 412 का रिपोर्ट निगेटिव, वहीं 1094 को वाहक वर्ग में होना पाया गया है। 41 गंभीर मरीज मिले।
जिला अस्पताल में जांच के लिए जिला भर से मरीज आने व सुविधा होने की वजह से कई गुना अधिक जांच हुई है। जिला अस्पताल को केवल 12 हजार नमूनों की जांच करनी थी पर जिला अस्पताल में 1 लाख 49 हजार 738 सैंपलों की जांच हुई है, जिसमें से 1 लाख 37 हजार 825 की रिपोर्ट निगेटिव, 11 हजार 559 वाहक व सबसे अधिक 354 सैंपलों की जांच पॉजिटिव मिली। जिले में सिंकलिंग के सबसे अधिक गंभीर मरीज बेमेतरा ब्लॉक में हैं। सबसे कम 43 मरीज साजा ब्लॉक में हैं।
किट की कमी, 3500 सैम्पलों की जाँच
सिंकलिंग जांच के लिए पर्याप्त किट नहीं होने की वजह से बीते सिंतबर माह से जारी दिंसबर माह तक अपेक्षाकृत कम जांच हुई है। जिले में बीते सिंतबर माह तक 4 लाख 33 हजार 375 सैंपलों की जांच की गई थी। इसके बाद 9 दिसंबर की स्थिति में जिले के चारों ब्लॉक व बेमेतरा जिला अस्पताल में 4 लाख 36 हजार 953 सैंपलों की जांच की गई। यानी दो माह नौ दिन की अवधि में केवल 3587 जांच हुई है, जिसमें बेमेतरा जिला अस्पताल में 350 से कम जांच हुई है। बहरहाल जिला अस्पताल को छोडक़र जिले के सभी सरकारी अस्पताल में सिंकलिंग जांच के लिए पर्याप्त किट उपलब्ध कराने की दरकार है, जिससे अधिक से अधिक जांच हो सके।


