बेमेतरा

सवा सौ धान खरीदी केंद्रों में 8 फीसदी उठाव
17-Dec-2024 3:01 PM
सवा सौ धान खरीदी केंद्रों में 8 फीसदी उठाव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 दिसंबर।
जिले में जारी धान खरीदी पिछड़ती जा रही है। धान खरीदी में संकट के बादल थमते नजर नहीं आ रहे हैं। सोमवार को जिले के कई उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद रही। बार-बार समस्या आने की वजह से इस बार पूर्व की अपेक्षा धान खरीदी भी कम हुई। आने वाले दिनों में जिले में धान खरीदी पर और संकट का खतरा परिवहन की वजह से मंडराने लगा है। बताना होगा कि जिले में धान खरीदी प्रांरभ हुए 32 दिन का समय बीत चुका है।

समय बीतने के बाद भी परिवहन की व्यवस्था को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया नहीं गया है, जिसकी वजह से सभी 129 धान खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान का भंडारण किया गया है। कुछ समितियों में 6 गुना से अधिक धान का भंडारण हो गया है। बावजूद इसके परिवहन की रफ्तार कमजोर हो रही है। जिले में प्रतिदिन 2 लाख क्विंटल धान की आवक हो रही है और धान का उठाव 75 हजार क्विंटल से भी कम हो रहा है। 

जानकार मानते हैं कि धान के उठाव के लिए जिले में प्रतिदिन 700 से अधिक मालवाहक लगाए जाने चाहिए पर बमुश्किल 60 से 70 वाहन ही लगाए जा रहे हैं, जिससे केवल 25 से 30 हजार क्विंटल धान का उठाव हो रहा है, जो प्रतिदिन की आवक की अपेक्षा कम है। कम उठाव होने की वजह से केंद्रों में रोजना खरीदे जा रहे धान व पूर्व में खरीदी गए धान के स्टोर होने की वजह से कई केंद्रों में पैर रखने की जगह तक नहीं बची है। एक माह 2 दिन का समय बीत जाने के बाद भी 129 धान खरीदी केंद्रों में 8 फीसदी का उठाव हुआ है।

पूर्व सीजन की अपेक्षा 50 हजार क्विंटल धान की कम खरीदी 
जिले में पूर्व की अपेक्षा इस बार 5 लाख 29 हजार 534 क्विंटल धान की कम खरीदी हुई है। जिले में बीते सीजन में 43.35 फीसदी धान की खरीदी हुई थी। इस बार केवल 40.85 फीसदी धान की खरीदी हो पाई है।

कुल पंजीकृत किसान - 164713, कुल धान की संभावित आवक - 991787 टन, अब तक धान की आवक - 405152.20 टन, धान बेच चुके किसानों की संख्या - 79098, परिवहन किए गए धान का प्रतिशत - 8.04 प्रतिशत, धान खरीदी बंद से प्रभावित केंद्रों की संख्या - 22 है। 

शुक्रवार को 5 केंद्र में धान खरीदी बंद थी, अब 21 केंद्रों में किसान परेशान
शुक्रवार को जिले के 5 धान खरीदी केंद्र कंतेली, लोलेसरा, दर्री, कुसमी व डगनिया में धान खरीदी बंद थी, जिसमें उठाव होने के बाद सोमवार से खरीदी प्रांरभ होने की संभावना जताई जा रही थी। उसके उलट अब धान खरीदी बंद होने वाले केंद्रों की संख्या बढक़र 21 पार हो चुकी है, जिसमें बीजाभाट, खिलोरा, भिंभौरी, सिलधट, बेलतरा, आंनदगांव, बसया, कटाई बदनारा, मजगांव, हसदा, बेरला, सोढ़, चंदनु, गुंजेरा, बुंदेला, संबलपुर, पुटपुरा, घोटवानी, पदुमसरा, नेवसा व रनबोड़ के 200 गांवों के हजारों किसान सोमवार को टोकन जारी होने के बाद भी धान नहीं बेच पाए। मंगलवार को बंद होने वाले केंद्रों की संख्या बढऩे का अंदेशा जताया जा रहा है। किसान लक्ष्मण ध्रुव ने बताया कि जो किसान धान बेच चुके हैं, वो किस्मत वाले हैं। कल बेचने के लिए धान खरीदी केंद्र खुला रहेगा कि नहीं ये किसी को पता नहीं है।

पतले धान की पहली खरीदी पर उठाव केवल 28 टन का 
जिले में 21 हजार 247 टन पतला धान खरीदा गया है, जिसमें से केवल 150 टन के लिए परिवहन आदेश जारी हुआ है। उसमें भी मात्र 28 टन का परिवहन हुआ है। परिवहन आदेश जारी होने के बाद भी 122 टन पतला धान का उठाव नहीं हुआ है। इसके अलावा परिवहन आदेश जारी नहीं किए जाने की वजह से 21 हजार 219 टन पतला धान केंद्रों में ही रखा हुआ है। केंद्रों में 87 हजार 933 टन 20 क्विंटल मोटा धान, 2 लाख 63 हजार 673 क्विंटल सरना धान समेत 3 लाख 78 हजार 255 टन 60 क्विंटल धान का परिवहन होना बाकी है। बहरहाल जिले में प्रतिदिन धान खरीदी को लेकर समस्याएं सामने आ रही हैं।

24 केंद्र में भारी स्टॉक, कहीं 35 हजार तो कहीं 51 हजार क्विंटल 
सभी 129 धान खरीदी केंद्रों में क्षमता से अधिक का भंडारण है, जिसमें से 24 केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है। जिले के संबलपुर में 51 हजार क्विंटल धान का भंडारण हो चुका है। इसी तरह पुटपुरा, संबलपुर, सोढ़, मुरता, पेंडीतराई, नांदघाट, कुंवरा, कटई, सेमरिया, नवागढ़, बदनारा, हसदा, सल्धा, कुरदा, खाती, मल्दा, कंतेली, बेमेतरा, पदुमसरा, झाल, बेलतरा व सैगोना में अधिक भंडारण हो चुका है। बेलतरा व सैगोना में 35 हजार क्विंटल से अधिक का भंडारण है।
 


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