बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 नवंबर। धान उपार्जन सीजन 2023.24 के दौरान जिले के धान खरीदी केन्द्रो में 26 हजार क्विंटल से अधिक का धान शॉर्टेज हुआ है। जिले के अकलवारा धान खरीदी केन्द्र में सवा दो फीसदी से अधिक का धान शॉर्टेज हुुआ है। जिले के 38 धान खरीदी केन्द्रों में ही धान खरीदी से नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है। जानकारी हो कि जिले में आने वाले 9 दिन के बाद धान खरीदी केन्द्रों में धान की आवक होगी। धान बेचने के लिए 1 लाख 64 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है।
रकबा व किसानों की संख्या को देखते हुए जिले में इस बार धान की अधिक आवक होने की संभावना बन रही है। धान खरीदी सत्र प्रारंभ होने के पूर्व बीते सत्र के मौसमए परिवहन व उठाव में बरती गई कमजोरियों की वजह से जिले के बेमेतराए साजाए बेरला व नवागढ़ ब्लॉक के 38 धान खरीदी केन्द्रों में धान का शॉर्टेज होना पाया गया था। जिले में धान शॉर्टेज से करोड़ों का नुकसान हुआ हैए जिसकी भरपाई के लिए अब तक कदम नहीं उठाए गए हैं। हालांकि कर्मचारियों के संगठन द्वारा उठाव के लिए तय शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि में धान का उठाव किया जाना तय होने के बाद भी उठाव नहीं होने से संभावित नुकसान के लिए कई बार पूर्ण उठाव करने की मांग करते रहे हैं। धान खरीदी केन्द्रों में खरीदे गए धान बारिश व धूप की वजह से सूखत का शिकार हुआ।
समय पर नहीं हुआ उठाव
धान खरीदी समाप्त होने के बाद भी जिला में धान उठाव का कार्य धीमी गति से किया गयाए जिसकी वजह से मार्च तक दो दर्जन से अधिक समितियों में 20 हजार क्विंटल से अधिक धान डंप पड़ा हुआ था। फिर सूखत और चूहा से धान बर्बाद हुआ। फिर असमय बारिश से फड़ में रखे धान को नुकसान पहुंचा। धान को बचाने के लिए कर्मचारी संगठन द्वारा बार-बार अधिकारियों से संपर्क किया गया। सूत्रों के अनुसार अनुबंध के अनुसार धान खरीदी के 72 घंटे में धान का उठाव किया जाना था पर कई समितियों में महीनों बाद भी धान का स्टॉक पड़ा हुआ था।
जिले के इन समितियों में सामने आया शॉर्टेज
मिलान के बाद जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में से 38 धान खरीदी केन्द्रों में धान का शॉर्टेज होना पाया गयाए जिसमें सबसे अधिक शॉर्टेज 1615 क्विंटल धान की कमी संबलपुर केन्द्र हुई। इसके बाद पुटपुरा में 1432, अकलवारा में 1324, गोढ़ीकला 1151, मारो 1131, टेमरी 1043, गुंजेरा 1041 व कंटई केन्द्र में 1026 क्विंटल धान का शॉर्टेज होना पाया गया था। इन 11 समितियों के अलावा बचत 28 समिति में मल्दा, बदनारा, गनियारी, बिटकुली, बूंदेला, उमरिया, रनबोड़, चंदनु, पतोरा, खिलोरा, नारायणपुर, परसबोड़, केंवतरा, झाल, मोहतरा, घोटवानी, साजा, बीजाभाठ, गाड़ाडीह, बीजा, टकसीवा, उमरिया, भरदा, जेवरा, भदाराली, लुक में धान का नुकसान 111 क्विंटल से लेकर 953 क्विंटल तक हुआ है।
प्रदेश में 396651.82 क्विंटल धान का शॉर्टेज
प्रदेश के 33 जिले की 2753 समितियों में 396651.82 क्विंटल धान का शॉर्टेज हुआ है। पत्रिका द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में बिते सीजन के दौरान 144931.80 क्विंटल धान खरीदा गया था। मिलान के बाद सभी जिले के शॉर्टेज वाली समितियों में 396651.92 क्विंटल का शॉर्टेज होना पाया गया है। यानी खरीदे गए धान में से इतने धान की प्राप्ति मार्कफेड को नहीं हुई है।
किसानों को 1355 करोड़ का भुगतान
गत सीजन के दौरान जिले के 147376 किसानों से 664225ण्32 टन धान खरीदा गया था। किसानों को धान खरीदी के दौरान 1355 करोड़ का भुगतान किया गया था। जिले के साजाए बेमेतरा बेरला व नवागढ़ ब्लॉक के पंजीकृत किसानों में से लगभग 98 फीसदी किसानों ने धान बेचा था। बहरहाल धान खरीदी का नया सीजन प्रारंभ होने से पूर्व धान शॉर्टेज का मुद्दा एक बार फिर गर्माने लगा है।
7 करोड़ से अधिक का हुआ है नुकसान बना हड़ताल का कारण
सोमवार से जिले की समितियों में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। बीते कई सत्र से धान खरीदी के दौरान होने वाले नुकसान को देखते हुए कर्मचारी संगठन द्वारा जिले में सूखत से हुए नुकसान को मान्य करने की मांग को अपने तीन मांग में शामिल करते हुए हड़ताल पर चले गए हैं। जिला अध्यक्ष जगमोहित साहू ने बताया कि समितियों को शॉर्टेज की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जिले में बीते सीजन में 7 करोड़ 22 लाख से अधिक का नुकसान शॉर्टेज से हुआ है।


