बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अक्टूबर। ग्राम ढाबा में डायरिया के 40 मरीज मिले हैं। गांव में लगातार दो दिन से उल्टी-दस्त के मरीज मिल रहे हैं। गांव में 71 मरीज हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। गांव के 12 मरीजों का उपचार गांव से बाहर बेरला, धरसींवा व निजी अस्पतालों में किया जा रहा है। गांव में व्याप्त स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम शिविर लगाकर आपात सेवा दे रही है। वहीं जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने गांव पहुंचकर हालातों का जायजा लिया।
जानकारी हो कि ग्राम ढाबे में बीते 48 घंटों के दौरान डायरिया के 71 मरीज मिले हैं। उल्टी-दस्त से पस्त मरीजों के उपचार के लिए हेल्थ विभाग की टीम घर-घर पहुँच रही हैं। गांव के सरकारी भवन में शिविर लगाया गया है, जहाँ पर डॉक्टर व नर्सिग स्टॉफ की रोस्टर ड्यूटी लगाई गई हैं। गांव में 24 घंटे के लिए 108 वाहन तैनात हैं।
अलग-अलग गांव में डायरिया फैलने के 7 प्रकरण सामने आए
इस साल जिले के अलग-अलग गांवों में उल्टी दस्त होने के 7 प्रकरण सामने आ चुके हैं, जिसमें साजा के ग्राम डगनिया में 80, बेेमेतरा के ग्राम सेमरिया में दो बार अलग अवधि में 40, साजा के ग्रामजनों में 60, ग्राम सैगोना में 50 व साजा के ग्राम लालपुर में 18 अगस्त को डायरिया के 52 मरीज मिले थे। जिसके बाद अब बेरला के ग्राम ढाबा में दो दिन के भीतर डायरिया के 71 मरीज मिले हैं, जिसमें से 25 मरीज उपचार के बाद ठीक हुए हैं। कुछ मरीजों ने पेट दर्द की शिकायत की है। 71 मरीजों में 15 साल से कम आयु वाले 15 बच्चे भी शामिल हैं। मरीजों में 40 पुरूष व 31 महिलाएं भी है।
गांव से बाहर करा रहे हैं कई मरीज उपचार
जिले के अंतिम छोर के गांव में से एक ग्राम ढाबा के सुरेश, देवचरण, गीता वर्मा, गौतहिरन, आंचल वर्मा, धनेश्वी वर्मा, दिलीप, टिकाराम, राज, लतेल यादव, झंगलू का उपचार बेरला के सीएचसी में जारी है। इनके आलावा राधे, महेतरू व राधेश्याम को 16 अक्टूबर से सीएचसी धरसींवा में भर्ती किया गया है।
250 घर हैं गांव में, हर चार घर में से एक घर में मरीज मिले
बताया गया कि ग्राम ढाबा में करीब 250 घर हैं। गांव में डायरिया के प्रकोप का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि गांव के हर चार घर में से एक घर में उल्टी दस्त के मरीज मिल रहे हैं। गांव में व्याप्त स्थिति को देखते हुए पहली बार पीएचई की टीम ने गांव पहुंचकर पानी का सैंपल लिया। पानी की सैंपल रिपोर्ट आने के बाद ही गांव में डायरिया फैलने की वजह सामने आ पाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि गांव में इस तरह की स्थिति होने का स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। गांव में जिन घरों में ट्यूबवेल लगा हुआ है, वहां पर भी उल्टी दस्त के मरीज मिले हैं। पेयजल योजना का पानी पीने वाले भी मरीज हैं। तहसीलदार सुभाष शुक्ला ने बताया कि गांव में मौसम की वजह से भी इस तरह की स्थिति होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अब हालत में पूर्व की अपेक्षा सुधार आ चुका है। पेयजल सोर्स का क्लोरिनिकेशन कराया जा रहा है।