बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 7 अक्टूबर। नवरात्रि पर रविवार को मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। शहर में माता भद्रकाली मंदिर, मां शीतला मंदिर, मां महामाया मंदिर, दुर्गा मंदिर, पिकरी शीतला मंदिर, मानपुर शीतला मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही। शहर के अलावा मां सिद्धि मंदिर संडी, बूचीपुर मंदिर, बोर्रा माता मंदिर सकल सिद्धि दात्री मां महामाया मंदिर में भक्तों ने माता के दरबार पहुंचकर आशीर्वाद लिया। पंडालों में जिला मुख्यालय के आसपास स्थित मंदिरों में जिले भर के अलावा प्रदेश व प्रदेश से बाहर के भक्त पहुंच रहे हैं। ग्राम नवागांव में भव्य झांकी आकर्षण का केन्द्र बना रहा। मंदिर में दिन भर सेवा करने वाले जसगीत गाकर सेवा करते रहे। पंचमी पर माता का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
जिला मुख्यालय में विराजित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली मंदिर को 108 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में से एक है। मंदिर दर्शन के लिए अंचल के अलावा दीगर प्रदेश से भी भक्त पहुंचते हैं।
संस्था के सदस्य राजकुमार ठाकुर व महेश शर्मा व अन्य ने बताया कि 1900 ईसवी के पूर्व बेमेतरा के मालगुजार जरबसिंह के पूर्वजों ने इस स्थान पर भैरव मंदिर बनाया था। बाद में श्रद्धालुओं ने बजरंगबली की मूर्ति स्थापित कर दी। भूमि संरक्षण अधिकारी के रूप में पदस्थ रहे लेखराम शर्मा ने स्थानीय निवासियों के सहयोग से वर्तमान मंदिर स्थल पर सन 1967 में माता भद्रकाली की स्थापना की। धीरे-धीरे मां की महिमा चारों ओर फैलती गई। वर्तमान में नवरात्र पर्व पर आस्था और विश्वास को लेकर जन सैलाब माता के दर्शन को उमडऩे लगा है। 60 साल बाद मंदिर भव्य आकर्षक स्वरुप को प्राप्त कर चुका है। मंदिर परिसर में 11 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। इस बार मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। मदिर में वर्तमान में लगभग 1583 ज्योति प्रज्ज्वलित की गई है। समिति अध्यक्ष उत्तम महेश्वरी, श्यामलाल यादव व पोषण ठाकुर अपने सदस्य साथियों के साथ जुटे हुए हैं।
देउरगांव देवी के नाम से मशहूर है
सकल सिद्धि दात्री मां महामाया मंदिर साजा तहसील मुख्यालय से 12 किमी की दूरी पर स्थित देउरगांव सुरही नदी की तट पर है। गांव देवी के गाँव नाम से प्रसिद्ध है। इस गांव में मां महामाया सिद्ध शक्तिपीठ स्थित है। अंचल में मां महामाया की तीन सगी बहनें विराजित हैं। उनमें बड़ी बहन राजा मोहगांव में, छोटी बहन मोहतरा व मंझली बहन देउरगांव में प्रतिष्ठित हैं। देउरगांव की मां महामाया सर्व सिद्धि दात्री के रूप में केवल इस अंचल में ही नहीं वरन दूर-दूर तक याति प्राप्त है। मंदिर का निर्माण 1936-37 में किया गया था।
9015 मनोकामना ज्योति
सिद्धिमाता मंदिर ग्राम संडी में भक्तों ने 9015 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित कराई है। शहर से 10 किमी व दुर्ग बेमेतरा मार्ग से 4 किमी दूर ग्राम संडी में विराजित माता का मंदिर 1965 से स्थापित है। मंदिर मे शंकरजी, हनुमानजी व कर्मा माता के मंदिर आसपास स्थित हैं। मंदिर भव्य स्वरूप ले चुका है। मंदिर में विराजित माता को हिंगलाज माता मानते हैं। सबकी कामना सिद्ध होने के कारण लोगों ने इसे सिद्धिमाता कहना शुरू किया। माता के दरबार में रोज भारी संया मे भक्त दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। समिति के दिनेश सिंह ठाकुर, रामकुमार साहू, चंद्रशेखर शर्मा, छगनलाल साहू, लखन साहू, जगराखन, तारण निर्मलकर, सनत साहू, दिलीप साहू समेत सभी सदस्य मंदिर व्यवस्था में जुटे हुए हैं।
ग्राम देवी माता शीतला में नववधु पहले दर्शन करने पहुंचती हैं
नगर के प्राचीन धर्म स्थलों में एक ग्राम देवी मां शीतला का मंदिर है। नगर के हृदय स्थल में स्थित यह मंदिर जनमानस की आस्था का केन्द्र है। प्राचीन समय में यहां ग्राम बैगा द्वारा पूजा अर्चना की जाती थी। विवाह के बाद ससुराल आने के बाद नववधु को आशीर्वाद दिलाने यहां लाया जाता है। साथ ही बड़ी माता व छोटी माता के प्रकोप में यहां की मिट्टी और जल लोग ले जाते हैं। आज मंदिर तीन मंजिलों में है, जिसमें मां दुर्गा व मां संतोषी की प्रतिमाएं विराजित हैं। नगर के मंदिर में भक्तों ने 296 तेल व 18 घृत मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित कराई है। पुजारी बसंत दुबे ने बताया कि भारी भीड़ रहती है। महामाया मंदिर में भक्तों ने 35 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित कराई है। अजीत छाबड़ा, अशोक शर्मा, अनिल राजपूत देवीलाल मंदिर के सदस्य हैं।




