बेमेतरा
आपातकालीन मरीजों को किया अटेंड, मरीज हुए परेशान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अगस्त। कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए अमानवीय कृत्य व हत्या के विरोध में शनिवार को जिले में सभी सरकारी अस्पताल व निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक दिन की हड़ताल कर दोषी व्यक्यिों पर कार्रवाई करने की मांग की। जिला अस्पताल में ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद रही। वहीं प्रबंधन ने आपातकालीन सेवा को जारी रखते हुए 5 नए मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार किया। जिला अस्पताल में हड़ताल होने की वजह से बाहर से आने वाले मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसत 600 से अधिक मरीज पहुंचते हैं।
दूरदराज से आए मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक दिन के लिए ओपीडी सेवा बंद करने के निर्णय लेने के बाद जिले के सभी निजी व सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से जिले में शनिवार को स्वास्थ्य सेवा बाधित रही। जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल के एमसीएच व पुराने भवन में ओपीडी की सुविधा बंद रही। सबसे अधिक परेशानी शनिवार को दूर-दराज से आने वाले सैकड़ों मरीजों को हुई। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार आम तौर पर जिला अस्पताल की दो पाली में करीब 600 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, जिसमें सबसे अधिक मरीज सुबह की पाली के दौरान रहते हैं। मरीजों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह रही कि उनका उपचार निजी अस्पताल के भी डॉक्टरों के हड़ताल पर होने की वजह से नहीं हो पाया, जिससे मरीज व उनके साथ आने वाले परिजन परेशान रहे।
सर्दी, खांसी व बुखार के अधिक मरीज
मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में रोजाना मरीज पहुंचते हैं, जिनमें सबसे अधिक सर्दी, खांसी, बुखार, हाथ, पैर दर्द व अन्य मर्ज के मरीज रहते हैं। जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे वार्ड 20 निवासी मेघु वर्मा ने बताया कि बुखार का उपचार कराने के लिए आए थे पर बगैर उपचार के वापस जा रहे हैं। इसी तरह साजा ब्लॉक के ग्राम बोरिया से आए पवन पात्रे ने बताया कि वो 20 किलोमीटर से जांच कराने के लिए आया था। बेरला क्षेत्र के गणेश निषाद ने बताया कि वह अपने बेटे को सांप काटने के बाद दिखाने के लिए आया था, जिसे डॉक्टर ने देखा है। कुमारी रामनी ने बताया कि आंदू से आई हैं। डॉक्टर नहीं होने की वजह से वापस जा रही हैं। 3 उल्टी-दस्त व 2 प्रसव के लिए आई महिलाओं का उपचार किया गया।
आपात सेवा में 3 डॉक्टरों की ड्यूटी
जिला अस्पताल में शनिवार को तीन चिकित्सकों को आपातकालीन ड्यूटी पर लगाया गया था। जिला अस्पताल में शनिवार को प्रसव के लिए आई दो महिलाओं को भर्ती किया गया। वहीं 3 अन्य मरीजों का उपचार किया गया। पूर्व से भर्ती सभी 78 मरीजों का उपचार नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रहा।
जिला अस्पताल के सभी 15 डॉक्टर रहे हड़ताल पर
जिले में सरकारी अस्पतालों में कुल 86 डॉक्टर हड़ताल पर रहे, जिसमें बेमेतरा जिला अस्तपाल के 15 डॉक्टर, नवागढ़ ब्लॉक में 22, साजा में 13, खंडसरा में 18 व बेरला में 18 डॉक्टर हड़ताल पर थे। जिला अस्पताल में रूटीन चेकअप, नाक-कान, आंख, एक्सरे, रक्त जांच, ड्रेसिंग व अन्य उपचार के लिए आने वाले मरीज नहीं आए। डॉक्टरों ने कहा कि विरोध जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन, निकाली रैली
कोलकाता में हुए घटनाक्रम के विरोध और हेल्थ प्रोफेशनल्स विशेषकर महिला कर्मियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर संघ से संबंधित समस्त कर्मचारी, डॉक्टर, अधिकारी, कर्मचारी, सामूहिक अवकाश पर रहे। हड़ताल को रश्मि ताम्रकार, शशि तिवारी के प्रतिनिधत्व में ऑल इंडिया लिनेश क्लब की महिलाओं व दवा विक्रेता संघ के दिनेश दुबे ने भी अपना नैतिक समर्थन दिया।
डॉक्टरों की ये प्रमुख तीन मांगें
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की घटना एवं उसके बाद हुए मॉब वायलेंस में शामिल असामाजिक तत्वों व जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन पर भी हो सख्त कार्रवाई, सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स विशेषकर महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाना और संस्था प्रमुख, अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी तय करना, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान किया जाए।
दोषी व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिले
डॉ. बुधेश्वर वर्मा ने कहा कि न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। घटना के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाना जरूरी हो गया है। डॉ. चंद्र किरण राजपूत ने कहा कि हमें न्याय चाहिए। महिला डॉक्टरों की सुरक्षा चिंता का विषय है। न्याय नहीं मिला तो हम आने वाले दिनों में और कदम उठाएंगे। डॉ. डीके साहू ने बताया कि उचित कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। दोषी व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई है। सिविल सर्जन डॉ. एसआर चुरेन्द्र ने बताया कि पूरे देश में घटना का विरोध हुआ है।


