बेमेतरा

किसानों को प्रति एकड़ 6 सौ के हिसाब से मिली पीएम बीमा की राशि, जो नुकसान का सिर्फ 10 फीसदी
13-Aug-2024 2:47 PM
किसानों को प्रति एकड़ 6 सौ के हिसाब से मिली पीएम  बीमा की राशि, जो नुकसान का सिर्फ 10 फीसदी

100 फीसदी नुकसान, फिर भी कम भुगतान, कई किसान वंचित 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अगस्त।
रबी फसल सीजन के दौरान जनवरी व फरवरी माह में फसल नुकसान का दंश झेल चुके जिले के हजारों किसानों को अभी भी पीएम फसल बीमा योजना के तहत क्लेम करने के बाद भी भुगतान नहीं मिला है। मई माह से क्लेम राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाते-लगाते किसानों के चप्पल तक घिस चुके हैं पर उन्हें मुआवजा राशि नहीं मिली है। जिला प्रशासन के लिए भी बीमा भुगतान टेढ़ी खीर साबित हो रही है।

जानकारी हो कि 6 माह पूर्व आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश की वजह से जिले के लगभग सभी तहसीलों में रबी फसल सीजन के दौरान खेतों में लगे चना, गेंहू व अन्य फसल बर्बाद हुए थे। मौसम की वजह से हुए नुकसान की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर किसानों को समय पर नुकसान की सूूचना फसल बीमा कंपनी को देने के लिए गांव-गांव में मुनादी कराई गई थी। बेमेतरा, बेरला, साजा व नवागढ़ ब्लॉक के फसल नुकसान का सामना कर रहे हजारों किसानों ने पहल करते हुए बीमा कंपनी को बकायदा सूचना दी थी। सूचना देने के मामले में तब बेमेतरा जिले के किसान पूरे प्रदेश में टॉप पर थे। सूचना देने के बाद अब तक भुगतान नहीं मिला है, जिस पर किसानों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है। किसानों की मानें तो बीमा क्लेम में धांधली होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। कम नुकसान वाले किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान हो चुका है पर अधिक नुकसान होने का लिखित प्रमाण होने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं मिला है। इससे किसान ठगा महसूस कर रहे हैं।

अधिक नुकसान झेल चुके किसानों को नहीं मिला मुआवजा 

बीमा क्लेम के भुगतान पाने से वंचित किसानों का दावा भी ठोस है। किसानों के अनुसार जिस तरह का क्लेम दिया जा रहा है, वह पूरी तरह सवालों से घिरा हुआ है। गांव के एक-दो लोग वंचित होते तो हो सकता था कि त्रुटि हुई हो पर पूरा का पूरा गांव या फिर एक बस्ती के रहने वालों को ही बीमा का क्लेम नहीं दिया गया है। वहीं अनियमितता का आलम ये है कि अधिक नुकसान झेल चुके किसानों को छोडक़र कम नुकसान झेल चुके किसानों को भुगतान किया गया है।

साजा के ग्राम महिदही के किसान खेमू साहू, रवि साहू, परस साहू सहित पूरे गांव के लोगों को बीमा का क्लेम नहीं मिला है। ग्राम चारभाठा के किसान रमेश कुमार बांधे, रघुनाथ, जगमोहन पात्रे समेत अन्य ने बताया कि उनके गांव के किसानों को प्रति एकड़ 600 रूपये की दर से क्लेम राशि मिली है, जो नुकसान के एवज में 10 फीसदी के आसपास है। इतना कम क्लेम देना गलत है जबकि उनको 100 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। कुरदा के किसान मनीराम, बलदाऊ ध्रुव व परेटन ने बताया कि उनके गांव में फसल नुकसान के आंकलन का दो बार सर्वे हुआ है, जिसमें नुकसान होना पाया गया था पर आज तक क्लेम की राशि नहीं मिली है। वहीं आसपास के गांव के लोगों को जारी की जा चुकी है। 

रानो गांव के किसान रामाधार, विशाल साहू व अन्य के अनुसार उनके गांव के किसानों को भी बीमा का भुगतान नहीं मिला है, जिसकी वजह से कई किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। किसानों ने साहूकार व बैंक से कर्ज लेकर खेती की है। उन्हें अगर क्लेम मिलता है तो पहले वे कर्ज का भुगतान करेंगे।

जिला अध्यक्ष किसान संघ रामसहाय वर्मा किसानों को फसल बीमा का क्लेम नहीं मिलने की शिकायत लगातार मिल रही है। इसी तरह की स्थिति रही तो किसान सडक़ पर उतरेंगे।
उपसंचालक कृषि एमडी डड़सेना ने कहा कि जिले के 1 लाख 53 हजार किसानों को 170 करोड़ का क्लेम भुकतान किया जा रहा है। जिले के कोई भी किसान बीमा क्लेम से वंचित नहीं रहेगा।
 


अन्य पोस्ट