बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 जून। जिले में गिरते जलस्तर, जल जीवन मिशन के तहत हुए आधे अधूरे कार्य, खारे पानी की समस्या की वजह से कई गांवों में पेयजल व निस्तारी की दोहरी समस्या व्याप्त है। प्रभावित गांव के लोगों को पेयजल के लिए एक किलोमीटर दूर जाकर वहां से पानी लाना पड़ रहा है। जिले में इस तरह की स्थिति ने पीएचई विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आमतौर पर गर्मी के प्रारंभ में ही सरकार पीएचई विभाग को पेयजल संकट से बचाने के लिए काम करने के लिए निर्देशित करती है, जिसके बाद भी कई गांवों में गर्मी के तीन माह बीत जाने पर भी पेयजल समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल आपूर्ति व व्यवस्था के लिए जिम्मेदार पीएचई विभाग की उदासीनता लोगों की समस्या का कारण बनती जा रही है। विभाग ने बीते मार्च माह में बकायदा पेयजल संकट को दूर करने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जहां सूचना देने के बाद भी प्रभावित गांवों की दैनिक समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिले के सिधौरी पंचायत के ग्राम सिरसा में जलस्तर गिरने की वजह से जैसे-तैसे कर एक मात्र हैडपंप से लोगों का गुजारा चल रहा है।
ग्रामीणों को पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता है या फिर निजी बोर वालों से पानी मांगते हैं। समस्या को लेकर हरिशंकर, सुरेश मिरी, बुधारू, मुकेश, व्यास, टंडन, बेना बाई, सगाबाई, सोना, आगरा बाई व उषा बाई के अनुसार इस तरह की स्थिति का सामना करते हुए उन्हें तीन माह गुजारना पड़ा है। इस समस्या के निराकरण के लिए अभी तक उनकी सुध नहीं ली गई है।
दशकों से घठोली वाले पानी
की मांग करते आ रहे हैं
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर ग्राम घठोली के ग्रामीण बीते दशकों से अपने गांव में व्याप्त खारा पानी की समस्या के निराकरण की मांग करते आ रहे हैं। बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान भी गांव वालों ने अपना पक्ष रखा था। पानी के लिए चुनाव का बहिष्कार किया था, जिसके बाद आज तक गांव में मीठा पानी के लिए किसी प्रकार की कवायद नहीं की गई है। सूख चुके तालाब को भरने का प्रयास किया गया है, जिसकी वजह से गांव वालों को अपने गांव से एक किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है।
जिले में हैंड पंप की संख्या - 4178
सिंगल फेस पॉवर पंप वाकई संख्या - 2771
नल जल योजना - 126
स्थल जल योजना - 44
आरो प्लांट - 100
सोलर पंप - 88
दो गांव में कदम-कदम
पर हादसे का खतरा
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांवों में जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी टंकी बनाने के बाद पानी टंकी से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन विस्तार करने के लिए खोदे गये गड्ढे ग्राम अकोला व खाती के लोगों के लिए समस्या बन गई है। ग्राम खाती के नेमीचंद साहू, लखन साहू, कपिल राम, शत्रुहन, बाबूराम व अन्य गांव वालों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत गांव की गलियो में खुदाई की गई है पर पाइपलाइन का विस्तार ज्यादातर घरों में नहीं किया गया है। मिशन के तहत अब तक जिनके घरों में नल लगाया गया है, उसमें पानी नहीं आ रहा है। इस स्थिति में गांव वालों के सामने दोहरी समस्या है। खुदाई होने के बाद छोड़े गये गड्ढों की वजह से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
इसी तरह ग्राम खाती में खारा पानी की समस्या है, जहां पर पानी पीना मुश्किल हो गया है। इस गांव में भी ग्राम खाती की तरह ही गलियों के बीच में खुदाई की गई है, जिसमें पानी भरा रहने से खतरा बना रहता है। गांव की पुरानी बस्ती में पानी निकासी बंद हो चुकी है, जिससे जलभराव की स्थिति होने से असुविधा हो रही है। आने वाले दिनों में स्कूल खुलने के बाद बच्चों के लिए खतरा हो सकता है। गांव के नोहर साहू, सुरेश पटेल, डाकवार निषाद, राजू, हरीश पटेल सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव में पीने के लिए पानी की समस्या अभी भी व्याप्त है।


