बेमेतरा

शिवनाथ को छोडक़र बाकी नदियां सूखीं, गांवों में बोर का सहारा
30-May-2024 3:51 PM
शिवनाथ को छोडक़र बाकी नदियां सूखीं, गांवों में बोर का सहारा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 30 मई। जिले में शिवनाथ नदी को छोडक़र दीगर नदियां पूरी तरह सूख चुकी हैं। जिले से होकर निकली हाफ नदी, सकरी व सुरही नदी के आलावा दो बड़े नाले भी प्रभावित हुए हैं, जो इन दिनों बढ़ते तापमान के कारण पूरी तरह सूखते जा रहे हैं। कहीं पर नदियों में पानी है तो धार नहीं है, जिसकी वजह से नदी में पानी होने का लाभ एक निश्चित क्षेत्र के लोगों को मिल पा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दाढ़ी, छिरहा, अंधियारखोर, पंचभैया व देवकर में नदी नाला सूखने का व्यापक असर पड़ा है। प्रभावित क्षेत्र में न केवल निस्तारी की समस्या है बल्कि जानवरों के पीने के लायक पानी नहीं है।

सूरज की बढ़ती तपिश से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। वहीं दूसरी तरफ जिले के जलस्त्रोतों पर इसका विपरीत असर नजर आने लगा है। जिले से होकर गुजरने वाली प्रमुख पांच नदियों में से 3 नदियां पूरी तरह सूख गई हैं। हालत ये है कि समय पर नदियों में पहुंच गए तो हाथ पैर धोने के लायक भी पानी नहीं मिलता। ग्राम अमचो, पंचभैया से होकर गुजरने वाली फोक नदी सुख चूकी है। नदी में पानी ही नहीं है।

सूखापन की स्थिति ये है कि ग्रामीण बच्चे नदी पर ही शाम होते ही मैदान बनाकर क्रिकेट खेलते है। फोक नदी के सूखने की वजह से अमचो, पचभैया, मंड़ई व लालपुर गांव के रहवासियों के लिए निस्तारी की समस्या होने लगी है। आम तौर पर नदी में पानी होने की स्थिति में गांव का जलस्तर सामान्य रहता है पर नदी में पानी उतरने के बाद जलस्तर 50 फीट तक नीचे चला जाता है। इस वजह से संबधित गांव में लगाए गए हैंडपंप व पावरपंप से पानी कम आने लगा है। गांव के रोहित चंद्राकर, अलख सिन्हा, सोमलाल विश्वकर्मा, खेदूराम, रामाधार, व मनिरजक ने बताया कि नदी में पानी ही नहीं है, जिससे जलसंकट की स्थिति होने लगी है।

हाफ नदी में पानी तो दूर, पूरा पानी ही सूख गया

ग्राम सिघनपुरी से होकर गुजरने वाली हाफ नदी भी इन दिनों शून्य जलभराव की स्थिति है। नदी के सूखने की वजह से तटवर्ती क्षेत्रों में इन दिनों गुजारा करने में समस्या होने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि निस्तारी के लिए हैडपंप व पावरपंप ही हमारा सहारा है। इस नदी में पानी नही होने की वजह से ग्राम सिघनपुरी, खाम्ही, खपरी, बारोडेरा व ग्राम मुगेली के ग्रामीण परेशान हो रहे है। ग्रामीण संजूलाल, रामकिशन, बहोरिक रत्नाकर व सुनील बर्मन ने बताया नदी हमारे लिए जलसंबधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपुर्ण माध्यम है, जिसमें पानी नही होने से देैनिक तौर पर समस्या होने लगी है।

संकरी नदी भी सूखी, सुरही नदी में पानी नहीं के बराबर

नदियों के सूख जाने व नाममात्र पानी होने का असर ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। सकरी नदी में पानी नहीं होने की वजह से दाढ़ी नगर पंचायत में निस्तारी की समस्या होने लगी है। नागरिकों ने बताया नदी में काम के लायक केवल पुल के पास पानी है। बाकी हिस्से में पानी नहीं है और है तो काम के लायक नहीं है। इसी तरह ही स्थिति नगर पंचायत देवकर में भी है। देवकर नगर पंचायत से होकर गुजरने वाली सुरही नदी में पानी कम है, जिससे नागरिकों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। आमतौर पर बारिश के दिनो में उफान पर चलने वाली इस नदी में पानी नहीं के बराबर है।

जिले की बाढ़ प्रभावित नदियां अब बन गई हैं सूखा प्रभावित

ग्राम संडी रवेली से होकर बहने वाली हेम्प नदी, सुरंगदहरा में सकरी नदी, सांवतपुर, डरजरा, हडगांव, केचवई से बहने वाली डोटू नाला, ग्राम रजकुडी में करूवा नाला सुख चुका है। देवकर, रामघाट, अकलवारा, कमकावाडा, सोनपांडर, कुम्हीगुडा, शिवघाट में शून्य जलभराव है। गोरखपुर, खम्हरिया, तोरन सरजन के डोटू नाला में 20 से 30 फीसदी पानी है। ग्राम घोटमर्रा, तेंदुवा, कुरदा, खैरा के डोटू नाला में शून्य जलभराव है। नवागढ़ क्षेत्र के अंधियारखोर से गुजरने वाली हेम्पनदी, सुरूगदहरा में सकरी नदी पूरी तरह सूख गई है। इसके अलावा इस क्षेत्र की प्रमुख मोहरंगिया नाला में 52 से 65 फीसदी तक जलभराव है। नवागढ़ क्षेत्र के 14 चिन्हित नदी व नाला तटीय क्षेत्र में से केवल चक्रवाय, मउनवागांव, लिमतरा, कटोैतिया, बोईरकचरा व दमईडीह से होकर गुजरने वाली नदियों में 60 से 100 फीसदी जलभराव है।

ईई, जलसंसाधन विभाग सीएस शिवहरे ने बताया कि जिले में शिवनाथ नदी को छोडक़र दीगर नदियों मे जलभराव बेहद कम है, जिससे नदियों में जलभराव नहीं की स्थिति में है। कई स्थानों पर नदियों की धार टूट चुकी है।


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