बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 24 मई। शासकीय प्राथमिक शाला जामगांव संकुल केन्द्र पाहंदा, में 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन 13 मई से अनवरत जारी है। शाला की नवाचारी शिक्षिका सावित्री साहू ने बताया कि समर कैम्प से बच्चों में सृजनशीलता और कल्पनाशीलता का विकास होता है। बच्चों में रचनात्मक भावों और क्रियाकलापों के प्रति रुचि बढ़ती है। इन समर कैंप में बच्चे बहुत उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
नवाचारी शिक्षिका सावित्री साहू ने बताया कि समर कैंप में बच्चों के सीखने के 5 आयामों को ध्यान में रखकर विभिन्न गतिविधियां कराई गई। जिसमें बच्चों के शारीरिक विकास के लिए प्रतिदिन योग एवं योगाभ्यास करवाया गया। जिसमें अनुलोम-विलोम, कपालभाती, प्राणायाम, भ्रामरी, तितली आसन और अन्य आसनों को बच्चों को सिखाया गया। साथ ही साथ बच्चों को नई- नई खेल गतिविधि से परिचित कराया गया। जिसमें 1, 2, 3, 4 क्रिया खेल, टेंगे टेंगे आगे की संख्याओ को बताना, पेपर बैलेंस का खेल, खजाना चोरी, पासिंग द बाल, ट्निंग द बाल, रुमाल चोरी ,ओला रे ओला, नेता-नेता चल बदल आदि खेल बच्चों को सीखाया गया।
बच्चों के मौखिक भाषा विकास के लिए प्रतिदिन हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बाल गीत जिसे बच्चे हाव- भाव के साथ कर रहे थे। जिसमेें एक हाथी, फलगीत, कागज की गुडिय़ा, पील बनाना, बटर फ्लाई, हम बगिया के फूल आदि गीत व हिंदी और अंग्रेजी में पहचान पत्र बनाना बनाना, बच्चों को सिखाया गया। बच्चों में रचनात्मक कौशल विकास हेतु बच्चों को पेपर आर्ट से कुत्ता, हाथी बनाना सिखाया गया। साथ ही बच्चों में कल्पना शक्ति विकास हेतु ग्रीष्म कालीन मौसम का सचित्र बनवाया गया साथ ही साथ बच्चों के रचनात्मक लेखन हेतु विविध प्रकार की कहानियां और चित्र लेखन, मिट्टी के खिलौने बनाना सिखाया गया।
बच्चों के संज्ञानात्मक विकास हेतु अपनी मातृ भाषा छत्तीसगढ़ी, हिंदी ,अंग्रेजी भाषा में स्थानीय पशु- प,फल, फूलों आदि के नामों को चित्र चार्ट द्वारा प्रदर्शित किया गया। साथ ही बताया गया कि पहले व्यक्तित्वों का नाम दिनों, महीनों के अनुसर रखा जाता था। बच्चों की भाषा एवं नैतिक विकास के लिए कठपुतली शो के माध्यम से कहानियां सुनाई गई और बच्चों को कहानी सुनाने की कला सिखाई गई। समर कैंप गतिविधियों का संचालन शाला नवाचारी शिक्षिका सावित्री साहू के द्वारा किया गया। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से ज्ञानेश्वर का सहयोग रहा।


