बेमेतरा

बच्चों में बोलने के कौशल और व्यक्तित्व का विकास ही बालवाड़ी का अहम उद्देश्य
17-May-2024 3:09 PM
बच्चों में बोलने के कौशल और व्यक्तित्व का विकास ही बालवाड़ी का अहम उद्देश्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 17 मई। जिले के चारों विकासखंडों बेरला, साजा, बेमेतरा, और नवागढ़ में बालवाड़ी की तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला शुरु हो गई है।

इस कार्यशाला में बेरला में 104, साजा में 150, बेमेतरा के चारों विकासखण्ड के कुल 105 बालवाड़ी के शिक्षक, शिक्षिकाएं व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भाग ले रहे है। प्रशिक्षण के प्रथम दिवस डाइट बेमेतरा के प्राचार्य जेके घृतलहरे एवं अकादमिक सदस्य व्याख्याता जीएल खुटियारे, थलज कुमार साहू, श्रद्धा तिवारी ने बेरला विकासखंड और साजा विकासखंड के प्रशिक्षण केन्द्रों का निरीक्षण किया।

प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए डाइट प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा कि नन्हे नन्हें बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के लिए वातावरण तैयार करना ही इसका एक मात्र उद्देश्य है। ताकि बच्चे निर्भिक होकर के विद्यालय में प्रवेश ले। साथ ही साथ बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना, बच्चों में सुनने और बोलने के कौशलों का विकास करना, विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बुद्धि एवं व्यक्तित्व का विकास करना, पूर्व प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय में सहज रूप से पारगमन के लिए तैयार करना।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह परिकल्पना की गई है कि 6 वर्ष की उम्र से पहले कक्षा पहली के पहले प्रत्येक बच्चा एक पूर्व प्राथमिक कक्षा या बालवाड़ी में स्थानांतरित हो जाएगा। जहां संज्ञानात्मक भावनात्मक शारीरिक क्षमताओं प्रारंभिक साक्षरता और संख्या ज्ञान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। डाइट प्राचार्य ने कहा कि प्रत्येक बच्चे की दो माताएं होती है एक जो जन्म देती है और दूसरी जो उसे संवारती है। आप बच्चों की दूसरी माताएं हैं जो आप बच्चों को संवार रही है। डाइट व्याख्याता थलज कुमार साहू ने कहा कि बच्चों को पूर्व प्राथमिक विद्यालय के भाषा में समझ और दक्षता के साथ मौखिक रूप से संप्रेषण करना सिखाए जाए। उन्हें मुद्रित और लिखित सामग्री से परिचित करवाया जाए परिचित संदर्भ में पठन एवं लेखन करने योग्य बनाया जाए।

डाइट की व्याख्याता श्रद्धा तिवारी ने कहा कि कहानी सुनाना सुनना, वार्तालाप, प्रश्न पूछना और उत्तर देना किसी कहानी को नाटक के रूप में प्रस्तुत करना अपने अनुभव को साझा करना यह अवसर बच्चों के प्रभावशाली वाचन कौशल की नींव को मजबूत करेंगे साथ ही उनकी शब्द भंडार में भी वृद्धि करेंगे। जिस प्रकार हम नींव को मजबूत बनाते है वैसे ही ये बच्चे भी नींव है। नींव को हमें मजबूत बनाना है।

डाइट व्याख्याता जी एल खुटियारे ने कहा कि यदि हम बच्चों की सीखने की प्रक्रिया पर गौर करते हैं या ध्यान से देखते हैं तो यह पाते हैं कि छोटे-छोटे बच्चे खेल, कविता, कहानी आदि में विशेष सूची रखते हैं।


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